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हिमाचल प्रदेश सरकार ने राजस्व अदालतों के कार्यों को आधुनिक बनाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन कोर्ट केस मैनेजमेंट सिस्टम को लागू कर दिया है। इस संबंध में राजस्व विभाग द्वारा अधिसूचना जारी की गई है। अब भूमि विवादों और अन्य राजस्व मामलों में आवेदन, फीस भुगतान, दस्तावेज जमा करने से लेकर सुनवाई तक की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफार्म पर होगी।
इस नई व्यवस्था के तहत सुनवाई की तिथि और आदेश की सूचना पंजीकृत पक्षकारों और अधिवक्ताओं को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से भेजी जाएगी। इससे आवेदन करने की सुविधा कहीं से भी उपलब्ध होगी, जिससे समय और धन दोनों की बचत होगी।
फीस का भुगतान कैशलेस तरीके से किया जाएगा। अपील, समीक्षा और पुनरीक्षण याचिका दायर करने के लिए निचली अदालत का नाम, केस नंबर, आदेश की तारीख और प्रमाणित प्रति अपलोड करनी होगी। निर्धारित समय सीमा प्रमाणित प्रति मिलने की तारीख से मानी जाएगी। यदि समय सीमा पार हो जाती है, तो धारा पांच लिमिटेशन एक्ट के अंतर्गत आवेदन कर शुल्क जमा करना होगा।
भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश, पारदर्शिता आएगी
राजस्व विभाग ने लोकमित्र केंद्रों के माध्यम से जमाबंदी लेने की राशि को 10 रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये प्रति पेज किया है। ई जिला पोर्टल पर जमाबंदी के प्रति आवेदन की फीस 50 रुपये निर्धारित की गई है। इस व्यवस्था से जनसाधारण को राहत मिलेगी, न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी अपने मामलों की आनलाइन निगरानी कर सकेंगे।