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हिमाचल प्रदेश में आए दिन कोई ना कोई घोटाला सामने आता रहता है। अब ताजा मामला चंबा जिले से सामने आया है- उपमंडल चुराह की ग्राम पंचायत सनवाल में करोड़ों रुपये के गड़बड़झाले के मामले में प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है।
पंचायत प्रधान सहित सभी बर्खास्त
DC चंबा मुकेश रेप्सवाल ने पंचायत के प्रधान, उपप्रधान सहित सभी वार्ड सदस्यों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। यही नहीं, पंचायत को भंग करने की संस्तुति भी पंचायती राज विभाग शिमला को भेज दी गई है।
दरअसल, सनवाल पंचायत में वर्ष 2022 में सेब पौधों की खरीद-फरोख्त और पौधरोपण कार्यों में भारी धांधली सामने आई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि मनरेगा के अंतर्गत पौधरोपण के आठ कार्य स्वीकृत हुए थे, जिन पर लगभग 1.25 करोड़ रुपये खर्च दिखाए गए। मगर जमीनी स्तर पर केवल गिने-चुने पौधे ही लगाए गए। यही नहीं, लगाए गए पौधे भी गुणवत्ता में बेहद खराब पाए गए थे।
सेब पौधों की खरीद-फरोख्त में धांधली
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामला पुलिस और प्रशासन के पास पहुंचा। जांच के दौरान प्रारंभिक स्तर पर गड़बड़ियां सही पाई गईं, जिसके बाद पंचायत प्रधान को निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, प्रधान ने इस कार्रवाई को डिवीजनल कमिश्नर धर्मशाला की अदालत में चुनौती दी। अदालत ने मामले की दोबारा जांच के आदेश जारी किए और SDM चुराह को जांच सौंप दी।
SDM की ओर से की गई ताजा जांच रिपोर्ट में भी आरोप सही पाए गए। जांच में साफ हुआ कि पौधों की खरीद में हेराफेरी हुई, पौधरोपण कार्य अधूरे रहे और मनरेगा की राशि का दुरुपयोग किया गया। इसके आधार पर उपायुक्त चंबा ने कड़ा निर्णय लेते हुए पंचायत प्रतिनिधियों को पद से हटा दिया।
पंचायत होगी भंग…
DC मुकेश रेप्सवाल ने पुष्टि करते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर सनवाल पंचायत के प्रधान, उपप्रधान और सभी वार्ड सदस्यों को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही पंचायत को भंग करने की अनुशंसा पंचायती राज विभाग को भेज दी गई है।
इस कार्रवाई से पूरे चुराह क्षेत्र में हलचल मच गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह फैसला उन लोगों के लिए सबक है जो सरकारी योजनाओं की राशि का दुरुपयोग करते हैं। वहीं, आम जनता अब उम्मीद जता रही है कि ऐसी कड़ी कार्रवाई अन्य पंचायतों में भी की जाएगी, जहां योजनाओं के नाम पर कागज़ों में काम दिखाकर सरकारी धन का दुरुपयोग होता है।