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देश समेत देवभूमि हिमाचल प्रदेश में आने बाले बड़े संकट से देवताओं ने बचाव किया है। इसलिए देउठा के शक्तिपीठ छदारा में 5 महाशक्तियां एक साथ एकत्रित हुई हैं। अगर इस संकट पर समय रहते विराम नहीं लगा होता तो दुनिया पलभर में खत्म हो जाती। यह देववाणी देव मार्कंडेय ऋषि, ईश्वर महादेव, बुंगड़ू महादेव, लक्ष्मी नारायण और हंसपुरी नारायण ने मिलकर गूर के माध्यम से की है। देववाणी में गूर ने कहा कि वर्तमान समय में देश-दुनिया में पता नहीं क्या क्या हो रहा है। आपदा, बाढ़ और बादल फटने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। बावजूद अपने क्षेत्र को भयंकर आपदा से बचाए रखा है। प्रदेश में आगे होने वाले बड़े खतरे पर 5 महाशक्तियां अपनी शक्ति से एक साथ एकत्रित हुई हैं, जिस पर अब रोक लगाकर उसे टाल दिया है। इस दौरान देवताओं ने हारियानों को देव आदेशों को सख्ती से पालन करने के आदेश भी दिए। देव नीति को बरकरार रखने और देव स्थलों के साथ खिलवाड़ न करने की सलाह भी दी।
देवताओं ने की शक्तिपीठ की परिक्रमा, बांधा आने वाले संकट पर सूत्र
देव मार्कंडेय ऋषि लगभग 30 वर्षों के बाद अपने 300 हारियानों के साथ शनिवार देर शाम को देउठा के शक्तिपीठ गढ़ छदारा में पहुंचे हैं। तत्पश्चात देवता ने सर्वप्रथम सभी देवताओं से मिलन किया। इसके बाद सभी देवताओं ने शक्तिपीठ की परिक्रमा कर आने वाले बड़े संकट पर अपना सूत्र बांध दिया है। इसके बाद देवताओं ने देउठा शयरी में भाग लिया। देव मार्कंडेय ऋषि के कारदार जीवन शर्मा ने बताया कि किसी बड़े संकट को भांपते हुए सभी देवता अपनी शक्ति से छदारा में एकत्रित हुए हैं। देवताओं ने खतरे पर रोक लगाकर अपना सूत्र बांध दिया है। उन्होंने कहा कि देवता ने देव आदेशों का सख्ती से पालन करने के आदेश भी दिए।