Himachal: गैंगस्टरों के लिए सेफ हैवन पंजाब की जेलें, यहीं से चलता है फिरौतियों व धमकियों का धंधा

Khabron wala

क्या हिमाचल में अब धमकियों और फिरौतियों का सिलसिला जिला ऊना के जरिए प्रवेश होगा? यह सवाल इसलिए भी अब अहम बन गया है क्योंकि जिस प्रकार से ऊना में गैगवार सामने आए हैं और जांच से कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं, वह इस राज्य की शांति व्यवस्था के लिए सुखद नहीं हैं। हाल ही में जिला के तहत ऊना-अम्ब नैशनल हाईवे पर बसाल में हुए मर्डर ने कई हैरानीजनक खुलासे किए हैं। इस मामले में पुलिस ने एक शूटर को पकड़ा और इसी सिलसिले में ऊना जिला के देहलां से संबंधित पंजाब की जेल में बंद कैदी को भी रिमांड पर लिया है। इस मर्डर मामले में एक शूटर विदेश में फरार है और पुलिस उसे विदेश से लाने और गिरफ्तार करने के लिए प्रयास कर रही है।

सबसे बड़ी बात यह है कि इस मामले में पूछताछ में पुलिस को कई सुराग मिले हैं। हालांकि डिजिटल प्रूफ एकत्रित करना और कड़ियों को जोड़ना एक बड़ी चुनौती है। आईटी के इस दौर में गैंगस्टर जिन एप्स का कॉलिंग के लिए प्रयोग कर रहे हैं वह एक चुनौती है। जेल में बंद गैंगस्टरों द्वारा धमकियों और फिरौतियों के लिए फोन का प्रयोग करने और उन्हें फोन के साथ रंगे हाथों पकड़ना सबसे बड़ी चुनौती है। खासकर पंजाब की जेलों में जिस तरीके से फोन का प्रयोग हो रहा है वह काफी खतरनाक है। गैंगस्टर हिमाचल से बाहर के कुछ राज्यों की जेलों को हैवन यानी अपने लिए सुखद स्वर्ग मानते हैं। दरअसल जेल की आंतरिक व्यवस्थाओं का फायदा लेते हुए गैंगस्टर फोन का प्रयोग करते हैं और विदेशी नंबरों व एप्स के जरिये ऐसी कॉल्स करते हैं जो पुलिस के लिए ट्रेस करना काफी मुश्किल होता है।

गैंगस्टर की ऊना में सक्रियता

जिला ऊना में जो अब तक गैंगस्टर सक्रिय होने का पता चला है उनमें अधिकतर जेलों में बंद और पंजाब में हैं। पंजाब की जेल में मौजूद एक गैंगस्टर ने पूछताछ में इस बात को स्वीकार किया है कि जिला ऊना से खनन कारोबारियों और कुछ फाइनांसरों से हर महीने करीब 6 लाख रुपए की फिरौती की रकम ली जाती थी। हालांकि इसकी सत्यता की जांच करना और तथ्यों की पुष्टि करना पुलिस के लिए काफी मुश्किल है। पुलिस उन स्लीपर सैल पर भी नजर रख रही है जो गैंगस्टरों के इशारों पर कारोबारियों से कलैक्शन कर इसे गैंगस्टरों तक पहुंचाते हैं। सजा याफ्ता कैदी जेलों के भीतर कई गैंगस्टरों से संपर्क बनाए हुए हैं और भय स्थापित करने के लिए वह अपने शूटरों को भेजते हैं। ऊना जिला के बसाल में हुआ मर्डर भी इसी मॉड आफ स्प्रिंट पर आधारित है।

एक गैंगस्टर ने कबूला

अब तक एक गैंगस्टर से हुई पूछताछ से पुलिस ने डोजियर भी तैयार किया है। गैंगस्टर हिमाचल पुलिस की कस्टडी में है लेकिन वह हिमाचल की जगह पंजाब की जेल को ज्यादा सेफ मानता है। उसका कहना है कि वह शीघ्र ही यहां से पंजाब की जेल में शिफ्ट हो जाएगा। एक कांड करने की फिराक में है ताकि उसे दूसरे राज्यों की जेलों में सुरक्षित स्थल मिल सके और वह अपना धंधा चमका सके। सूत्रों की मानें तो इस गैंगस्टर से पुलिस के कई निचले स्तर के अधिकारी भी संपर्क में हैं। जिस तरीके से इस गैंगस्टर ने अपना जाल फैलाया है वह आने वाले दिनों में हिमाचल की शांति व्यवस्था के लिए सही नहीं है।

साबित करना चुनौतीपूर्ण

हिमाचल पुलिस के सामने अत्याधुनिक उपकरणों खासकर आईटी से जुड़े संसाधनों की कमी है। साइबर सैल को मजबूत करने की जरूरत है ताकि जेलों से एप्स के जरिये आ रही कॉल्स को ट्रेस किया जा सके। ऊना पुलिस ने माना है कि गैंगस्टर के इशारे पर ही ऊना में मर्डर हुआ था और शूटर जेल से ही इस गैंगस्टर के संपर्क में थे। जेल से ही फोन का उपयोग हुआ था लेकिन इसे कानून की दृष्टि से साबित करना काफी चुनौतीपूर्ण है।

2023 से शुरू हुआ सिलसिला

ऊना जिला में वर्ष 2023 से ही फिरौतियों का सिलसिला शुरू हुआ था। उस समय फिरौती मांगी गई थी और न देने पर व्यक्ति की गाड़ी पर गोलियां दागी गई थीं। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा और वे जेल में हैं। इसके बाद जब फिर से फिरौतियों का सिलसिला शुरू हुआ और एक कॉल रिकार्डिंग सामने आई तब ऊना पुलिस द्वारा केस दर्ज कर एक गैंगस्टर को पूछताछ के लिए जेल से ऊना लाया गया। हालांकि भय के चलते कोई भी व्यापारी इस गैंगस्टर के खिलाफ गवाही देने को तैयार नहीं हुआ। पुलिस ने भी ज्यादा रुचि नहीं दिखाई। वापस गैंगस्टर जेल पहुंचा और एक बड़े कांड को अंजाम दे दिया।

पूछताछ के लिए लाया गैंगस्टर : एएसपी

युवक के मर्डर और इस पूरे मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी के प्रमुख एएसपी ऊना सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। ऐसे में इस पर अधिक खुलासा नहीं किया जा सकता। एक गैंगस्टर को जेल से पूछताछ पर लाया गया है। होशियारपुर से जुड़े एक शूटर को पकड़कर उससे गहन पूछताछ की गई है जबकि दूसरा शूटर विदेश फरार हुआ है जिसे लाने के लिए प्रक्रिया चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही इस संबंध में पूरी डिटेल दी जा सकती है।

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