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हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित हत्याकांड में पुलिस हरेक कदम फूंक फूंक कर उठा रही है। 24 सितंबर को बेटी की डोली उठनी थी, लेकिन आज उसकी अर्थी उठी। हृदय विदारक घटना ने इलाके को गहरे सदमे और गुस्से से भर दिया है। ऊना जनपद के उपमंडल बंगाणा की उप तहसील जोल की बैरियां पंचायत की 24 वर्षीय अंशिका ठाकुर की निर्मम हत्या ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है।
24 वर्षीय अंशिका ठाकुर व प्रेमी प्रवेश कुमार
हत्याकांड में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की। भारतीय सेना में तैनात मृतक युवती के पति प्रवेश कुमार को पुलिस ने जम्मू से गिरफ्तार किया, जबकि उसके चाचा संजीव कुमार को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है। पूछताछ में प्रवेश कुमार ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उसने बताया कि उस पर शादी का दबाव बनाया जा रहा था, जबकि वह शादी नहीं करना चाहता था। इसी वजह से उसने पहले से ही अंशिका को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली थी। उसी योजना के तहत 23 सितम्बर की रात उसने अंशिका को बुलाया और उसकी हत्या कर दी।
हालांकि पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रवेश ने अब तक यह साफ नहीं किया है कि हत्या के लिए किस हथियार का इस्तेमाल किया गया और शव को जलाने के लिए किस सामग्री का प्रयोग किया गया। वहीं, उसके चाचा संजीव कुमार की भूमिका भी संदिग्ध बनी हुई है। जानकारी के अनुसार वह प्रवेश को छोड़ने जम्मू तक गया था, लेकिन इस पूरी साजिश में उसकी संलिप्तता को लेकर अभी पुलिस जांच जारी है।
वहीं बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया था। सुबह गमगीन माहौल में युवती का अंतिम संस्कार किया गया। पूरे गांव में मातम पसरा रहा। महिलाओं की चीख-पुकार से वातावरण गूंज उठा। ग्रामीणों का कहना था कि बेटी की विदाई दुल्हन बनकर होनी चाहिए थी, लेकिन उन्हें कंधों पर उसकी अर्थी उठाकर श्मशान घाट तक ले जाना पड़ा। अंतिम यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी और हर जुबान पर एक ही मांग थी – “कातिल को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।”
चौकी प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि आरोपियों से गहन पूछताछ हो रही है। शुक्रवार को दोनों को अदालत में पेश कर रिमांड लिया जाएगा।