नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष का कठोर कारावास, 30 दिन में 5 लाख मुआवजा देने का आदेश

Khabron wala 

जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश, पोक्सो अधिनियम) कुल्लू के न्यायालय ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि जुर्माने की राशि न भरने की स्थिति में दोषी को दो वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।

इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 506 यानी जान से मारने की धमकी देने के दोष में दो वर्ष का कठोर कारावास और 10,000 रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई गई है। जुर्माना न भरने पर तीन माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।

न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि पीड़ित बच्ची को महिला पीड़ित/यौन उत्पीड़न/अन्य अपराधों की पीड़ितों के लिए बने 2018 के मुआवजा योजना के तहत तथा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 357-ए, पोक्सो अधिनियम की धारा 33(8) व पोक्सो नियम 2020 के नियम 9 के प्रविधानों के अनुसार पांच लाख रुपये की सहायता राशि 30 दिनों के भीतर प्रदान की जाए।

दोषी पीड़िता के पिता का चचेरा भाई

मामले से जुड़े तथ्यों के अनुसार 30 जून 2019 को पीड़िता की मां ने महिला थाना कुल्लू में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में बताया गया कि उसकी बेटी जो उस समय सातवीं कक्षा की छात्रा थी, स्कूल में दोषी के बेटे के साथ पढ़ती थी। दोषी रिश्ते में पीड़िता के पिता का चचेरा भाई (चाचा) है।

एक दिन स्कूल में दोषी के बेटे और पीड़िता के बीच झगड़ा हुआ, जिस पर पीड़िता ने कहा कि वह और उसका पिता दोनों गलत हैं और उसके पिता ने उसके साथ गलत काम किया है। बेटी के घर लौटने पर जब मां ने उससे पूछताछ की तो उसने पूरी घटना बताई, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

30 जून 2019 को दर्ज हुआ दुष्कर्म का केस

इस पर महिला थाना कुल्लू में 30 जून 2019 को दुष्कर्म, जान से मारने की धमकी देने और धारा 4 व 6 पोक्सो अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था। जांच पूरी होने पर चालान न्यायालय में पेश किया गया।

सुनवाई के दौरान जब पीड़िता की आयु लगभग 11 वर्ष 4 माह पाई गई, तो आरोप संशोधित कर धारा 376एबी व 506 आइपीसी और धारा 6 पोक्सो अधिनियम के तहत तय किए गए। अभियोजन पक्ष ने न्यायालय में कुल 11 गवाह पेश किए। सभी साक्ष्यों और गवाहियों के आधार पर न्यायालय ने आरोपित को दोषी ठहराया और उक्त सजा सुनाई। सरकार की ओर से न्यायालय में मामले की पैरवी जिला न्यायवादी कुल्लू कुलभूषण गौतम ने की।

 

 

 

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