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हिमाचल के साथ चलते पंचकूला की एक फार्मा कंपनी के मालिक ने अपने कर्मचारियों को दिवाली पर ऐसा तोहफा दिया है, जिसे देख और सुन कर हर कोई दंग रह गया है। फार्मा कंपनी के मालिक ने अपने कर्मचारियों को दिवाली पर 51 चमचमाती कारें तोहफे में प्रदान की हैं। कारों का तोहफा मिलने से कर्मचारी भी काफी उत्साहित हैं। कंपनी ने ये गाड़ियां कर्मचारियों के रैंक और परफॉर्मेंस के हिसाब से दी हैं। यानी सीनियर पदों पर तैनात कर्मचारियों को SUV भी दी गई। त्योहारों के सीजन में कर्मचारियों को विशेष तोहफे देने को लेकर यह उनकी अनूठी पहल है। हालांकि 51 कारें तोहफे में देने वाले फार्मा कंपनी के मालिक पिछले तीन साल से अपने कर्मचारियों को इसी तरह के गिफ्ट दे रहे हैं।
दरअसल हरियाणा के पंचकूला में स्थित फ़ार्मास्युटिकल कंपनी MITS Healthcare Pvt Ltd (मिट्स हेल्थकेयर) ने इस दिवाली 51 नई कारें अपने कर्मचारियों को भेंट की हैं। कंपनी के मालिक एम के भाटिया ने इस साल भी अपने कर्मचारियों के लिए वाहन‑उपहार की परंपरा को बरकरार रखा और इसे एक बड़े संदेश के रूप में पेश किया।
कर्मचारियों में खुशी का माहौल
मिट्स हेल्थकेयर के उन चयनित कर्मचारियों के चेहरे, जिन्हें इस साल गाड़ियों का तोहफा मिला, में अलग‑सी ठाठ‑बाट और उत्साह दिखा। शोरूम से कार खरीदने के बाद ‘कार गिफ्ट रैली’ निकालकर कर्मचारियों ने अपनी नई गाड़ियों का जश्न मनाया, बाइक या ऑटो से आने वाले सेक्शन में यह परिवर्तन‑प्रेरक कदम माना गया।
गाड़ियां गिफ्ट कर क्या बोले एम के भाटिया
कंपनी के मालिक एमके भाटिया ने कहा कि मेरे कर्मचारी हमारी कंपनियों की रीढ़ की हड्डी हैं। उनकी मेहनत, ईमानदारी और समर्पण ही हमारी सफलता की नींव है। इसलिए उन्हें सम्मानित करना और प्रोत्साहित करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दो‑तीन वर्षों से इस प्रकार की गाड़ी गिफ्टिंग की परंपरा रही है। पिछले वर्ष 13 गाड़ियां दी गई थीं, जबकि इस बार दिवाली पर 51 नई कारें गिफ्ट की गई हैं।
गाड़ियां गिफ्ट करने का क्या है उद्देश्य
कंपनी मालिक एमके भाटिया ने कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ त्यौहार पर भोजन या बोनस देना नहीं है। वह चाहते हैं कि उनके बाइक और ऑटो में चलने वाले कर्मचारी अपनी गाड़ी में सुरक्षित यात्रा करें। कंपनी के मालिक का यह सामाजिक दृष्टिकोण और कर्मचारी कल्याण‑मॉडल कंपनी के ब्रांड मूल्यों का हिस्सा बन गया है।
कम्पनी की पृष्ठभूमि
मिट्स हेल्थकेयर, जो 2010 में स्थापित हुई, आज भारत में फार्मा उद्योग के स्थापित नामों में शुमार है। एम के भाटिया ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से व्यवसाय की शुरुआत की थी। मेडिकल स्टोर चलाते‑चलाते दिवालिया होने के बाद 2015 में उन्होंने चंडीगढ़/पंचकूला में कंपनी स्थापित की और अब उनकी 12 से अधिक कंपनियां काम कर रही हैं।
यह गिफ्ट चयन कैसे हुआ?
कंपनी के सूत्रों के अनुसार, गाड़ियों का चयन रैंक और प्रदर्शन के आधार पर किया गया था। वरिष्ठ पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को SUV गिफ्ट की गई, जबकि अन्य श्रेणियों को उपयुक्त मॉडल दिए गए। कंपनी ने सोशल मीडिया पर भी इस पहल के वीडियो साझा किए, जिन्हें कर्मचारियों ने उत्साह के साथ स्वीकार किया।
कम्पनी की पृष्ठभूमि
मिट्स हेल्थकेयर, जो 2010 में स्थापित हुई, आज भारत में फार्मा उद्योग के स्थापित नामों में शुमार है। एम के भाटिया ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से व्यवसाय की शुरुआत की थी। मेडिकल स्टोर चलाते‑चलाते दिवालिया होने के बाद 2015 में उन्होंने चंडीगढ़/पंचकूला में कंपनी स्थापित की और अब उनकी 12 से अधिक कंपनियां काम कर रही हैं।
यह गिफ्ट चयन कैसे हुआ?
कंपनी के सूत्रों के अनुसार, गाड़ियों का चयन रैंक और प्रदर्शन के आधार पर किया गया था। वरिष्ठ पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को SUV गिफ्ट की गई, जबकि अन्य श्रेणियों को उपयुक्त मॉडल दिए गए। कंपनी ने सोशल मीडिया पर भी इस पहल के वीडियो साझा किए, जिन्हें कर्मचारियों ने उत्साह के साथ स्वीकार किया