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झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित चौथी दक्षिण एशियन एथलैटिक्स प्रतियोगिता की 4 गुना 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में भारतीय टीम के स्वर्ण पदक जीतने में अहम योगदान देने वाली हिमाचल की 24 वर्षीय धावक मनीषा कुमारी की सफलता के पीछे जज्बे व संघर्ष की लंबी दास्तान है। हमीरपुर जिले के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के दूरस्थ गांव ऊटपुर की निवासी मनीषा कहती हैं कि घर में गरीबी के चलते एक समय उसके पास प्रैक्टिस के लिए रुपए नहीं थे व उसने गेम छोड़ने का मन बना लिया था। उनके पिता दिल्ली में ट्रक चालक हैं, जबकि माता बीमार रहती हैं। ऐसे में परिवार लाखों का खर्च नहीं उठा सकता था। इस बीच सुजानपुर की सर्वकल्याणकारी संस्था को उसकी व्यथा के बारे पता चला।
संस्था के अध्यक्ष अभिषेक राणा से मिलीं तो उन्होंने कहा कि अपने लक्ष्य पर ध्यान दो, पैसों की चिंता मत करो। बीते 2 साल में संस्था ने मुझे हरियाणा में जारी प्रैक्टिस व राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए करोड़ों रुपए की मदद की है। मनीषा कहती हैं कि अभिषेक राणा उनके लिए फरिश्ता हैं व उस समय उनकी मदद को आगे आए, जब कोई साथ नहीं दे रहा था। रांची गेम्स के लिए भी राणा ने उन्हें 25,000 रुपए जूते व स्पाइक खरीदने को दिए। पंजाब विश्वविद्यालय में एम.ए. कर रही मनीषा कहती हैं कि हमीरपुर के कोच भूपिंदर सिंह, जिला कोच राजिंद्र सिंह, मेरे भाई और जिला सोनीपत के गुहाना में इस समय कोचिंग दे रहे सोमवीर सिंह ने सफलता के इस मुकाम तक पहुंचने में मेरा साथ दिया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि दक्षिणी एशियाई एथलैटिक्स चैम्पियनशिप की 4×400 मीटर रिले में भारत के विजेता बनने में मेरे गृह जिले हमीरपुर के ऊटपुर की निवासी मनीषा का योगदान व 200 मीटर में दौड़ में नालागढ़ के ढांग ऊपरली गांव के संदीप सिंह का गोल्ड मैडल जीतना हर हिमाचल वासी को गौरवान्वित करने वाला है।
हिमाचल ओलिम्पिक संघ सांसद एवं अध्यक्ष अनुराग ठाकुर का कहना है कि दक्षिण एशियाई सीनियर एथलैटिक्स चैंपियनशिप में हमीरपुर की बेटी मनीषा कुमारी ने 4 बाई 400 मीटर रिले में गोल्ड मैडल व नालागढ़ के संदीप सिंह ने 200 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर देवभूमि के साथ भारत का मान बढ़ाया है।
सर्वकल्याणकारी ट्रस्ट सुजानपुर अध्यक्ष अभिषेक राणा का कहना है कि होनहार खिलाड़ी मनीषा का जज्बा देख सर्वकल्याणकारी ट्रस्ट संस्था इस बिटिया की मदद को आगे आई। हिमाचल की यह उड़नपरी अपने लक्ष्यों को हासिल करे, उसके लिए हम उसकी मदद में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।











