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रेणुका विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक और रेणुका जी विकास बोर्ड के अध्यक्ष विनय कुमार पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा हमला बोला है। भाजपा ज़िला प्रवक्ता प्रताप सिंह रावत ने अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ संयुक्त बयान जारी करते हुए विधायक को क्षेत्र के विकास में ‘सबसे बड़ी बाधा’ बताया है।
रावत ने आरोप लगाया कि विनय कुमार अपने तीन साल के कार्यकाल में रेणुका का विकास करवाने में पूरी तरह विफल रहे हैं और उन्होंने जनता को दिखाए बड़े-बड़े सपनों को केवल सपना बनकर ही छोड़ दिया है।
विकास बोर्ड पर राजनीति हावी, धार्मिक कार्य गौण
प्रताप रावत ने सीधे तौर पर रेणुका जी विकास बोर्ड के अध्यक्ष (स्थानीय विधायक) विनय कुमार पर मेले का राजनीतिकरण करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि रेणुका जी विकास बोर्ड पर पूरी तरह से राजनीति हावी है, जिसके कारण धार्मिक कार्यों को कम और पैसे कमाने के पहलू को अधिक महत्त्व दिया जा रहा है।
रावत ने आरोप लगाया कि पालकियों के साथ आने वाले कारदारों को आज तक न तो उचित सम्मान मिला है और न ही उनका वेतन लगाया गया है, जो कि धार्मिक परंपराओं की घोर अनदेखी है। उन्होंने कहा कि जहाँ मेले के आयोजन में धार्मिक कार्यों को अधिक महत्त्व मिलना चाहिए, वहीं इसे केवल पैसे कमाने का जरिया बना दिया गया है।
भाजपा नेताओं ने बंद पड़े सरकारी संस्थानों के मुद्दे को फिर से उठाते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर विकास के बजाय ‘विनाश’ करने का आरोप लगाया। इन नेताओं ने हरिपुरधार क्षेत्रीय अस्पताल की बहाली की घोषणा को विधायक विनय कुमार का ‘झूठा वादा’ बताया, जिसकी अधिसूचना कैबिनेट बैठकें होने के बावजूद आज तक जारी नहीं हुई है।
इसके अतिरिक्त, भाजपा प्रवक्ता प्रताप सिंह रावत ने पवित्र श्री रेणुका जी झील के संरक्षण और सौंदर्यीकरण को लेकर स्थानीय विधायक पर कोई योजना न बना पाने का सीधा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विधायक खुद ही विकास बोर्ड के मुख्य पद पर कब्जा करके बैठे हैं।
विधायक खुद पद छोड़ेंभाजपा ज़िला प्रवक्ता प्रताप सिंह रावत ने रेणुका विधानसभा क्षेत्र की अनदेखी और पवित्र तीर्थ के सौंदर्यीकरण तथा जीर्णोद्धार को लेकर दिखाई गई निष्क्रियता पर कड़ा रुख अपनाया है।
उन्होंने सीधे-सीधे मांग की है कि विधायक विनय कुमार को खुद ही विकास बोर्ड के मुख्य पद पर बैठे होने के कारण, अपनी निष्क्रियता को देखते हुए रेणुका जी विकास बोर्ड के अध्यक्ष पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।
संयुक्त बयान में स्थानीय कलाकारों की अनदेखी का मुद्दा भी उठाया गया, जिसमें कहा गया कि रेणु मंच पर बाहरी कलाकारों को ‘स्टार कलाकार’ बनाया जाता है, जबकि स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को आगे ले जाने वालों को उचित स्थान नहीं मिल रहा है।











