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ऊना विधानसभा क्षेत्र के सनोली, मजारा और मलूकपुर गांवों में उस समय हड़कंप मच गया, जब शाम करीब साढ़े सात बजे अचानक हुए गैस के रिसाव से लोगों को आंखों में तेज जलन और सांस लेने में भारी तकलीफ होने लगी। तीनाें गांवाें के निवासी इस घटना से दहशत में आ गए और उन्होंने तुरंत अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद कर लीं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय गुरुद्वारे से भी घोषणा करवाकर लोगों को गैस से बचने के लिए आगाह किया गया। करीब एक घंटे तक चले इस खौफ के माहौल के बाद स्थिति सामान्य हो गई। गनीमत रही कि इस घटना में कोई गंभीर रूप से बीमार नहीं हुआ, हालांकि तीन बच्चों को हल्की तकलीफ होने पर दवाई दी गई, जिसके बाद वे ठीक हो गए।
उद्योगों के खिलाफ भड़का ग्रामीणों का आक्रोश
जैसे ही गैस का असर कम हुआ ताे आक्रोशित ग्रामीण अपने घरों से बाहर निकल आए और पंजाब सीमा पर स्थित औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए रोष प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि इन उद्योगों से होने वाला रिसाव उनकी जिंदगी के लिए खतरा बन गया है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है। इन उद्योगों ने हमारा जीना दुश्वार कर दिया है। पहले भी कई बार गैस रिसाव हो चुका है और इनके द्वारा छोड़े गए केमिकल्स से हमारा भू-जल भी पूरी तरह प्रदूषित हो गया है, लेकिन प्रशासन और सरकार ने आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकाला गया, तो वे इन उद्योगों के गेट पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम ऊना अभिषेक मित्तल तुरंत मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बात कर स्थिति का जायजा लिया। वहीं, ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती भी घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों का हाल जाना। उन्होंने स्वीकार किया कि यह एक पुरानी और गंभीर समस्या है, जिसे लेकर पहले भी हिमाचल और पंजाब प्रशासन के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन कोई स्थायी हल नहीं निकल पाया। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द ही डीसी ऊना, पंजाब प्रशासन, उद्योग प्रबंधन और गांव के प्रमुख लोगों के साथ एक संयुक्त बैठक की जाएगी ताकि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके।
 
 
			 
					
 











