( शर्मा आरडी )शिमला के कोटखाई में गुड़िया के साथ हुई दरिंदगी के मामले को किस तरह रफादफा किया जा रहा है इसका पर्दाफाश लॉकअप में मारे गए सूरज की पत्नी ममता के ताजे बयान से हो गया है। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद उसकी जान का भी खतरा है। इससे पहले कि आरोपी उस तक पहुंचें पुलिस को सूरज की विधवा को पुलिस प्रोटेक्शन देनी चाहिए। यह सब सवाल एबीवीपी ने उठाए हैं। छात्रों का कहना है कि ममता के एक समाचार पत्र को दिए बयान इस बयान से सब कुछ साफ हो गया है। गुड़िया के दोषियों को बचाने की पुलिस की मुहिम को प्रदेश की जनता किसी भी हाल में सिरे नहीं चढ़ने देगी। सिरमौर जिला में गुड़िया को इंसाफ दिलाने को लेकर लगातार धरने प्रदर्शन हो रहे हैं।
शुक्रवार को मॉडल डिग्री कॉलेज सराहां के छात्रों ने भी इस मसले पर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। एबीवीपी की सराहां इकाई का कहना है कि पुलिस सबकुछ जानते हुए भी इस सनसनीखेज मामले में संलिप्त लोगों को बचाने में लगी है। छात्रों ने एक स्वर में कहा कि सीबीआई जल्द इस मामले को अपने हाथ में ले ओर ऊपर से नीचे तक संलिप्त सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे डाले फिर चाहे वह कोई राजनेता हो या फिर पुलिस अधिकारी हो। इकाई अध्यक्ष सुनील गौतम ने कहा कि देवभूमि का यह अपनी तरह का पहला मामला है जिसमें बड़े घरों के कुछ बिगड़ैल लड़कों ने स्कूल की एक बच्ची के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक किया गया। लेकिन उससे भी बड़ा अपराध उन्हें बचाने वाले कर रहे हैं। हैरानी का विषय यह है कि किस तरह बड़े ही नाटकीय ढंग से पुलिस रातोंरात आरोपियों को इस मामले से बाहर कर देती है और निर्दोष लोगों को सलाखों के पीछे डाल देती है। यही नहीं इसकी मुख्य कड़ी के तौर पर देखे जा रहे सूरज की पुलिस कस्टडी में मौत हो जाती है। एबीवीपी के आरोप है कि पुलिस आरोपियों को बचाना चाह रही है जिसे किसी भी किमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।