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हिमाचल में अब पंचायतों की बाउंड्री नहीं बदलेगी. राज्य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को आदेश कर पंचायतों के पुनर्गठन पर रोक लगा दी है. राज्य निर्वाचन आयोग, भारत के संविधान के अनुच्छेद 243K(1) ZA (1), हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 160(1), हिमाचल प्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1994 की धारा 281(1) और हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 9(1) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए, हिमाचल प्रदेश पंचायत और नगर पालिका आदर्श आचार संहिता के खंड 2.1 के तहत ये निर्णय लिया है, जिसमें हिमाचल प्रदेश राज्य में आदर्श आचार संहिता, 2020 के इस क्लॉज को लागू करने वाली अधिसूचना जारी होने के साथ ही चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक पंचायतों और नगर पालिकाओं की सीमाओं में अब कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा.
परिसीमन को दिया जा चुका है अंतिम रूप
वहीं राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में 3577 ग्राम पंचायतों, 90 पंचायत समितियों, 11 जिला परिषदों और 71 शहरी स्थानीय निकायों में पंचायती राज संस्थाओं का परिसीमन को अंतिम रूप दिया जा चुका है. इसी तरह से 3577 में से 3548 ग्राम पंचायतों और 70 शहरी स्थानीय निकायों की मतदाता सूची भी तैयार हो चुकी है. अब सिर्फ 29 ग्राम पंचायतों और एक शहरी स्थानीय निकाय की मतदाता तैयार होना बाकी है. जिसको अगले महीने 1 और 7 दिसंबर को अंतिम रूप दिया जाएगा.
राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2024 की एसएलपी संख्या 22468, 22469, जिसका शीर्षक “पंजाब राज्य एवं अन्य बनाम बेअंत कुमार एवं अन्य है. जिसमें भारत के संविधान के अनुच्छेद 243ई(1) और 243यू(1) के तहत पांच वर्ष की अवधि की समाप्ति से छह महीने पहले चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए गए है.
वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार को 1 मई, 4 जुलाई, व 28 जुलाई, 2025 को सूचित किया था कि पंचायती राज संस्थाओं के गठन के लिए 75 दिनों से कम है और शहरी स्थानीय निकायों के लिए करीब 60 दिन का समय शेष है. ऐसे में वार्डों के परिसीमन की अंतिम अधिसूचना जारी होने के बाद शहरी स्थानीय निकायों की सीमाएं अंतिम रूप में मानी जाएंगी.
20 प्रस्ताव हुए प्राप्त
वहीं, कैबिनेट में निर्णय के बाद पंचायतीराज विभाग ने सभी डीसी से 15 दिनों में पंचायत के पुनर्गठन को लेकर प्रस्ताव मांगे थे. विभाग को ये प्रस्ताव प्राप्त हो गए है. 17 नवंबर शाम पांच बजे तक पंचायतीराज विभाग को विभिन्न जिलों 20 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इसके अतिरिक्त पंचायत के पुनर्गठन को लेकर विभाग के पास 13 प्रस्ताव पहले से पेंडिंग है.










