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हिमाचल प्रदेश में एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक सरकारी स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा ने फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। जिसके चलते परिजनों ने बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं कि, उनकी बच्ची पर झूठा चोरी का इल्जाम लगाया गया, जिससे वह मानसिक रूप से टूट गई और उसने यह कदम उठाया।
महिला ने चोरी का लगाया था इल्जाम
जानकारी के अनुसार, जिला मंडी के तहत आते उपमंडल सरकाघाट में पेश आई इस घटना के बाद लड़की के परिवार वालों ने आरोप लगाया कि, स्कूल परिसर के साथ ही एक स्वेटर बुनाई की दुकान चलाने वाली महिला ने छात्रा पर अपनी दुकान से नकदी चोरी करने का गंभीर आरोप लगा दिया।
पिता का कहना है कि यह आरोप न सिर्फ झूठा था, बल्कि लगातार बदलता भी रहा। कभी महिला कहती कि 20 हजार रुपये चोरी हुए, कभी रकम 22 हजार बताई जाती तो कभी यह राशि 25 हजार रुपये हो जाती।
मानसिक दबाव में थी छात्रा
मृतक छात्रा के पिता के अनुसार, महिला ने पहले उनके पास जाकर शिकायत की, फिर स्कूल प्रिंसिपल तक यह बात पहुंचाई। इससे बच्ची पर मानसिक दबाव और बढ़ गया। माता-पिता ने जब बेटी से इस बारे में पूछा, तो उसने साफ कहा कि उसने कोई चोरी नहीं की है।
पिता का कहना है कि वह पिछले कुछ दिनों से बेहद तनाव में थी। चुप रहती थी, खाना कम खाती थी, और स्कूल जाने से भी डरने लगी थी। परिवार का आरोप है कि यह पूरा मामला बच्ची को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और अपमानित करने का था। उन्हें लगता है कि बार-बार बदलती रकम और लगातार आरोपों ने उनकी बेटी को अंदर ही अंदर तोड़ दिया।
महिला पर केस दर्ज
दुर्भाग्य से, इसी तनाव के बीच छात्रा ने घर में ही फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। परिजनों के बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने महिला के खिलाफ धारा 306 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है और मामले की जांच विभिन्न पहलुओं से की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि आरोप लगाने वाली महिला के पास चोरी के क्या सबूत थे और उसने स्कूल प्रबंधन तथा परिजनों को किस आधार पर यह जानकारी दी।











