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जेठानी को अपनी निकट संबंधी के साथ देवरानी के जेवर चुराने भारी पड़ गए। दरअसल, एक ग्राम पंचायत के तहत देवरानी-जेठानी किसी समारोह में गई हुई थीं। जब देवरानी वापस आई तो देखकर हैरान रह गई कि उसके जेवर गायब हैं। इसको लेकर पड़ताल होने लगी। इसी बीच पता लगा कि जेठानी पहले आ चुकी थी और इसकी एक निकट संबंधी भी इस क्षेत्र में देखी गई थी।
पहले भी उसकी निकट संबंधी पर इस प्रकार के सामान गायब करने के आरोप थे। ऐसे में शक की सुई घूमी और मामला पंचायत के जरिए पुलिस चौकी तक पहुंचा। पंचायत प्रतिनिधियों और पुलिस चौकी के कर्मियों ने सख्ती से कहा कि यदि जेवर वापस नहीं किए तो मामला तो दर्ज होगा ही, साथ ही जेल की हवा खानी पड़ेगी। बदनामी होगी वह अलग। जेठानी की निकट संबंधी उन्हें वहां ले गई जहां जेवर एक ज्वैलर्ज को बेचे थे।
ज्वैलर्ज ने कहा कि जो जेवर दिए थे उन्हें तो वह पिघला चुका है और इसकी कैश पेमैंट वह कर चुका है। इसके बाद तय हुआ कि जितने जेवर थे, उतने ही जेवर नए बनाकर दिए जाएं अन्यथा मामला अब आभूषण विक्रेता और उस पर भी दर्ज होगा। नई जगह से आभूषण तैयार करवाए गए। आभूषण गायब करने वाली दोनों जेठानी और उसकी निकट संबंधी को नए आभूषण तैयार करने पर 50 हजार रुपए अतिरिक्त और भी खर्च करने पड़े क्योंकि इसकी कीमत नई दरों पर तय हुई। यह चोरी दोनों के लिए उलट पड़ गई। क्षेत्र में इस मामले की खूब चर्चा है। उधर, पंचायत के उपप्रधान ने माना कि यह मामला सामने आया था और अब नए जेवर तैयार करके दिए गए हैं।












