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हिमाचल प्रदेश में खाद-उर्वरक उपलब्धता की समीक्षा हेतु बैठक आज यहां उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक में यह जानकारी दी गई कि पारंपरिक रासायनिक उर्वरकों जैसे यूरिया (46 प्रतिशत नाइट्रोजन) तथा नाइट्रोजन, पोटाशियम, फॉस्फ़ोरस (एनपीके) 12ः32ः16 के विकल्प के रूप में नैनो यूरिया (20 प्रतिशत नाइट्रोजन) और नैनो डी.ए.पी. (8 प्रतिशत नाइट्रोजन, 16 प्रतिशत पोटाशियम) की आपूर्ति की जा रही है। इन विकल्पों से पारंपरिक रासायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभावों को कम करने में सहायता मिलेगी। हिमफेड द्वारा एनपीके 12ः32ः16 के स्थान पर एनपीके 16ः16ः16 भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
श्री पठानिया ने बताया कि 50 किलोग्राम एनपीके 12ः32ः16 की एक बोरी, जिसकी कीमत पूर्व में 1470 रुपये थी, मध्य-पूर्व क्षेत्र की वर्तमान परिस्थितियों के कारण इस वर्ष बढ़कर 1900 रुपये हो गई है। किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उर्वरकों की समयबद्ध उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी ताकि उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
श्री पठानिया ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को उर्वरक समय पर और पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाए जाएं ताकि किसी भी स्तर पर कमी या व्यवधान न हो।
इस अवसर पर निदेशक कृषि रविंद्र सिंह जसरोटिया, महा प्रबन्धक हिमफैड विकास वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।











