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हिमाचल प्रदेश के युवाओं ने बीते वर्षों में शिक्षा, खेल, सैन्य सेवाओं और विदेशों में प्रतिष्ठित नौकरियों के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। इसी कड़ी में अब ऊना जिले के बेहड़ाला गांव के मूल निवासी और वर्तमान में बद्दी में रह रहे सावन ठाकुर ने एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है।
रॉयल कैनेडियन नेवी में सब-लेफ्टिनेंट
सावन का चयन रॉयल कैनेडियन नेवी में बतौर सब-लेफ्टिनेंट हुआ है। उनका यह चयन न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का क्षण है। बद्दी और बेहड़ाला दोनों जगहों पर इस उपलब्धि से खुशी और उत्साह का माहौल है।
सावन का सफर आसान नहीं था। उनके पिता का कुछ वर्ष पहले निधन हो गया था, जिसके बाद परिवार पर भावनात्मक और आर्थिक दोनों तरह का बोझ बढ़ गया। कठिनाइयों के बीच उनकी मां उमा डोगरा ने स्वयं को संभाला और अपने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा को प्राथमिकता दी।
बेटों को नहीं आने दी कोई कमी
वह बद्दी में एक निजी स्कूल का संचालन करती हैं और सीमित साधनों के बावजूद उन्होंने सावन और उनके भाई की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। परिवार का कहना है कि सावन की आज की सफलता में उनकी मां की दृढ़ इच्छाशक्ति, त्याग और निरंतर संघर्ष की बड़ी भूमिका रही है।
सावन ठाकुर की प्रारंभिक शिक्षा शिमला में हुई। पढ़ाई के प्रति उनकी गंभीरता और तकनीकी विषयों में रुचि को देखते हुए उन्होंने आगे की शिक्षा चेन्नई में नेवल आर्किटेक्चर में पूरी की। यह वह फील्ड है जिसमें समुद्री जहाजों की डिजाइन, स्ट्रक्चर और इंजीनियरिंग का अध्ययन किया जाता है।
विदेशी नौसेना में चयन
पढ़ाई के दौरान ही सावन ने विदेशी नौसेनाओं में अवसर तलाशने शुरू कर दिए थे। कड़ी तैयारी, इंटरव्यू और विभिन्न चरणों को पार करते हुए आखिरकार उन्होंने रॉयल कैनेडियन नेवी की अधिकारी श्रेणी में स्थान हासिल कर लिया। चयन के बाद वे कनाडा जाकर प्रशिक्षण और आगे की तैनाती के लिए अपनी सेवाएं शुरू कर चुके हैं।
परिजनों के अनुसार सावन बचपन से ही वर्दी पहनने और देश की सेवा करने का सपना देखते थे। वह हमेशा भारतीय नौसेना या भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में शामिल होना चाहते थे। लेकिन परिस्थितियों और अवसरों ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पथ पर आगे बढ़ा दिया।
परिवार में खुशी की लहर
आज वह एक विदेशी नौसेना में अधिकारी बनकर न केवल भारत का बल्कि हिमाचल प्रदेश का भी नाम गौरवान्वित कर रहे हैं। सावन ठाकुर की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर उनके पैतृक गांव बेहड़ाला, बद्दी के लोग, रिश्तेदार और परिचित बड़ी संख्या में बधाई दे रहे हैं।
परिवार का कहना है कि आज सावन के पिता को भी उस पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। उनका कहना है कि सावन कई युवाओं के लिए प्रेरणा बन गया है। सावन की यह सफलता क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकती है। सावन ने साबित कर दिया है कि कठिन परिस्थितियां भी बड़े सपनों को रोक नहीं सकतीं यदि मेहनत और आत्मविश्वास कायम हो।











