हिमाचल की पांच बेटियों ने रखी जीत की नींव, भारत ने महिला कबड्डी वर्ल्ड कप में रच दिया इतिहास

Khabron wala 

महिला कबड्डी द्वितीय विश्व कप में भारतीय महिला टीम ने एक बार फिर दिखा दिया कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कबड्डी टीम का ताज उन्हीं के सिर सजता है। आज यानी सोमवार दोपहर बाद खेले गए बेहद रोमांचक फाइनल मुकाबले में भारत ने चाइनीज ताइपे को 35–28 से मात देकर लगातार दूसरा विश्व कप जीत लिया।

फाइनल मैच की शुरुआत से ही भारतीय खिलाड़ियों ने अपने इरादे साफ कर दिए थे। रेडिंग में तेजी, डिफेंस में चट्टान जैसी मजबूती और पूरे फॉर्मेशन में तालमेल, इन तीनों ने चाइनीज ताइपे को कभी भी मैच पर नियंत्रण करने नहीं दिया। पहले हाफ में भारत ने हल्की बढ़त बनाई, लेकिन दूसरे हाफ में कप्तान रितु नेगी की रणनीति और टीम की आक्रामकता ने अंतर को निर्णायक बना दिया।

इस जीत में हिमाचल प्रदेश की पांच बेटियों की भूमिका बेहद प्रभावशाली रही। टीम की कप्तान रितु नेगी और उपकप्तान पुष्पा राणा ने पूरे टूर्नामेंट में नेतृत्व, संयम और तेजतर्रार प्रदर्शन से कमाल कर दिया। उनके साथ चंपा ठाकुर, भावना ठाकुर और साक्षी शर्मा ने भी हर मुकाबले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए टीम को मजबूती दी। रेडिंग हो या टैकल, सर्कल पर इन खिलाड़ियों की ऊर्जा और आत्मविश्वास ने भारत की जीत की राह आसान कर दी।

मुख्य कोच तेजस्वी और सहायक कोच प्रियंका की ट्रेनिंग शैली भी टीम के खेल में साफ नजर आई। पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने वही कबड्डी खेली, जिसकी उनसे उम्मीद की जाती है। सेमीफाइनल में ईरान के खिलाफ जिस तरह शुरुआती मिनटों में ही भारत ने मैच पर पकड़ बना ली थी, उसने साफ कर दिया था कि टीम का लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ खिताब है। रेडिंग के तेज दांव, डिफेंस के सटीक टैकल और विपक्षी टीम को कई बार ऑलआउट करने की रणनीति ने ईरान को कोई वापसी का मौका नहीं दिया।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय कबड्डी का जलवा

टीम की इस जीत पर हिमाचल प्रदेश कबड्डी संघ के महासचिव कुलदीप राणा ने सभी खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि हिमाचल की बेटियों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रदेश प्रतिभा और मेहनत का केंद्र है।

उन्होंने कहा कि रितु नेगी और पुष्पा राणा के नेतृत्व ने पूरे टूर्नामेंट में टीम को दिशा और ऊर्जा प्रदान की। चाइनीज ताइपे के खिलाफ फाइनल बेहद तनावपूर्ण और रोमांचक रहा, लेकिन भारत के तेजतर्रार खेल ने अंत में बाजी मार ली। टीम इंडिया की यह उपलब्धि दर्शाती है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय कबड्डी पहले से कहीं ज्यादा संगठित, आत्मविश्वासी और मजबूत हो चुकी है।

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