हिमाचल की होनहार बेटी को ब्याह ले गया साउथ अफ्रीका का लड़का, निभाई दोनों देशों की रस्में

Khabron wala 

हिमाचल प्रदेश इन दिनों शादियों को लेकर चर्चा में बना हुआ है। अब एक बार फिर हिमाचल में एक अनोखी शादी हुई है- जिसकी हर ओर चर्चा हो रही है। इस शादी में दो देशों के रीति-रिवाजों का संगम देखने को मिला है।

साउथ अफ्रीका का दूल्हा

यह शादी हिमाचल प्रदेश की मशहूर पर्यटन नगरी धर्मशाला में हुई। धर्मशाला की विश्व रिकॉर्डधारी पर्वतारोही अंजली शर्मा दक्षिण अफ्रीका के युवक के साथ शादी के बंधन में बंद गई हैं। ये शादी सरहदों को जोड़ने वाला एक खूबसूरत उदाहरण बन गया है।

अंजिल की शादी धर्मशाला स्थित सैनिक रेस्ट हाउस में बीते रविवार को हुई। शादी की सभी रस्में दोनों देशों की पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार हुई। शादी में हिमाचल और दक्षिण अफ्रीका-दोनों की सांस्कृतिक झलकियां खूबसूरती से दिखाई दीं, जिसने इस विवाह को एक विशेष और यादगार रूप दे दिया।

दूल्हे को पसंद आए हिंदू रीति-रिवाज

दूल्हे को हिंदू रीति-रिवाज बेहद पसंद आए। परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और कुछ करीबी मित्र इस अनोखे मिलन का हिस्सा बने। वातावरण में लोकगीतों, पारंपरिक वेशभूषाओं और दोनों देशों की रस्मों के अनोखे मेल ने विवाह को खास बना दिया।

अंजली शर्मा लंबे समय से पर्वतारोहण में हिमाचल का नाम रोशन कर रही हैं। वर्ष 2023 में उन्होंने अफ्रीका की सबसे ऊँची चोटी माउंट किलिमंजारो (5895 मीटर) पर चढ़ते हुए हिमाचली गद्दी समुदाय की पारंपरिक ‘लुआंचड़ी’ पहनकर तिरंगा फहराया था। इस अनोखी उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने वैश्विक मान्यता दी।

दुनिया भर में हिमाचल का नाम किया रोशन

उनकी इस पहल ने दो संदेश दिए- एक साहस का और दूसरा अपनी संस्कृति को गर्व से विश्व मंच पर प्रदर्शित करने का। अंजली को इस उपलब्धि ने न केवल पर्वतारोहण समुदाय में, बल्कि हिमाचल की सांस्कृतिक पहचान को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाई दी।

अंजली शर्मा ने अपना पर्वतारोहण प्रशिक्षण मनाली स्थित अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण और संबद्ध खेल संस्थान से प्राप्त किया। उन्होंने कई चुनौतीपूर्ण और तकनीकी चोटियों—जैसे हनुमान टिब्बा, देव टिब्बा और अन्य हिमालयी शिखरों को सफलतापूर्वक फतह किया है।

युवाओं के लिए प्रेरणा अंजिल

पर्वतारोहण के प्रति उनका झुकाव बचपन से ही रहा है। पर्वतों की कठिन राहों पर अंजली का साहस और समर्पण आज प्रदेश के युवाओं, विशेषकर लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है।

अंजली और उनके दक्षिण अफ्रीकी जीवनसाथी का विवाह इस बात का प्रतीक बन गया कि प्रेम की भाषा संस्कृति और सीमाओं से ऊपर होती है। विवाह में हिमाचली रीति-रिवाजों के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका की पारंपरिक रस्मों का भी समावेश किया गया, जिसमें नृत्य, परिधान और पारंपरिक भोजन का संगम देखने को मिला।

सबको पसंद आया अंजिल का दूल्हा

स्थानीय लोगों ने भी इस विवाह को खुशियों के साथ स्वीकार किया। उनका कहना है अंजली ने पर्वतों पर जैसे साहस दिखाया है, वैसे ही साहस और स्वतंत्र सोच उन्होंने अपने जीवन के फैसले में भी दिखाया है। यह विवाह एकता और अपनापन का सुंदर संदेश देता है।

 

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