Khabron wala
क्या आप या आपके परिजन हाल ही में आईजीएमसी शिमला में भर्ती रहे हैं? अगर हां, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। अस्पताल प्रशासन ने वार्डों और इमरजैंसी में घूम रही एक ऐसी ‘फर्जी’ महिला लैब टैक्नीशियन को रंगे हाथों दबोचा है, जो अवैध तरीके से मरीजों का खून निकाल रही थी। महिला को पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार अस्पताल प्रशासन को पिछले कुछ समय से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि वार्डों और आपातकालीन कक्ष में कुछ बाहरी लोग मरीजों से खून के नमूने ले रहे हैं और उनके साथ दुर्व्यवहार भी कर रहे हैं। सरकारी अस्पताल के नियमों के अनुसार अस्पताल के भीतर उपचाराधीन मरीजों के सैंपल लेने के लिए बाहरी प्राइवेट लैबोरेटरी के लोग अधिकृत नहीं होते हैं।
गुरुवार को जब यह महिला दोबारा सैंपल लेने आईजीएमसी पहुंची तो अस्पताल प्रशासन ने उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया। चिकित्सा अधीक्षक के निजी सहायक ने खुद मरीज बनकर महिला से संपर्क किया और उसे बुलाया। जब महिला वहां पहुंची तो प्रशासन ने उससे पहचान पत्र और पेशेवर दस्तावेज मांगे। महिला कोई भी वैध दस्तावेज या आईडी कार्ड प्रस्तुत नहीं कर सकी, जिसके बाद उसका झूठ पकड़ा गया। सख्ती से पूछताछ करने पर महिला ने खुलासा किया कि वह एक निजी लैब से जुड़ी है और अवैध तरीके से अस्पताल के अंदर काम कर रही थी। उसने अपने एक साथी शेखर का भी नाम लिया है, जो इस फर्जीवाड़े में उसके साथ शामिल है।
आईजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला के खिलाफ लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आईजीएमसी में मरीजों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। भविष्य में इस तरह की अनधिकृत गतिविधियों को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाई जाएगी और ऐसे तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।










