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हिमाचल प्रदेश की होनहार बेटियां हर क्षेत्र में बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। प्रदेश की कई बेटियां भारतीय सेना में सेवाएं दे रही हैं। इसी कड़ी में अब मंडी जिले की एक बेटी ने भी अपनी सफलता का लोहा मनवाया है और देश सेवा करने का अवसर हासिल किया है।
नौसेना में लेफ्टिनेंट बनी सिमरन
उपमंडल कोटली के कोट तुंगल की रहने वाली सिमरन भारद्वाज भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट बनी हैं। सिमरन अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं- जो देश सेवा करेंगी। सिमरन के पिता और दादा भी सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं।
सिमरन के दादा लालाराम भारद्वाज 14 डोगरा से हवलदार और पिता धर्मपाल भारद्वाज डोगरा स्काउट से सेवानिवृत्त हुए हैं। सिमरन की मां गृहिणी हैं। सिमरन की बहन स्वास्थ्य विभाग में हैं और जीजा एयरफोर्स में पायलट हैं। सिमरन का एक भाई भी है- जो कि अभी NIT हमीरपुर में पढ़ाई कर रहा है।
12 लाख का पैकेज छोड़ा
सेना में जाने के लिए सिमरन भारद्वाज ने 12 लाख रुपये का पैकेज छोड़ दिया। सिमरन के माता-पिता ने बताया कि सिमरन बचपन से ही सेना में जाना चाहती थी। सिरमर ने जमा दो तक की पढ़ाई कोट के निजी स्कूल और योल कैंट के केंद्रीय विद्यालय से की।
इसके बाद सिमरन ने NIT हमीरपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में BTech. की। BTech. करने के बाद सिमरन ने मारुति कंपनी में 12 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर दो साल गुरुग्राम नौकरी की।
नौकरी के साथ-साथ की तैयारी
नौकरी के साथ-साथ सिमरन ने सेना में जाने की तैयारी भी जारी रखी। पिछले साल यानी 2024 में सिमरन ने SSB की परीक्षा पास की। दिसंबर 2024 में सिमरन को ट्रेनिंग के लिए पत्र आया। इसी साल जनवरी 2025 से केरल स्थिल भारतीय नौसेना अकादमी में 30 नवंबर तक चले प्रशिक्षण के बाद अब सिमरन का चयन भारतीय नौसेना में बतौर लेफ्टिनेंट हुआ है।
सिमरन के पिता ने बताया कि बेटी की सफलता से वो बेहद खुश हैं। सिमरन ने पूरे परिवार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। बेटी के लेफ्टिनेंट बनने की खुशी में 5 दिसंबर, शुक्रवार को वो घर पर एक बड़ा कार्यक्रम रखेंगे और अपने देवी-देवताओं को जातर भी देंगे। 5 दिसंबर को पूरे गांव और रिश्तेदारों के लिए घर पर धाम रखी जाएगी।










