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हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर के 23 वर्षीय युवक सोमेश राणा ने अपनी मेहनत, जूनून और नेचुरल बॉडीबिल्डिंग के सिद्धांत पर चलते हुए वह कर दिखाया है, जिसकी कल्पना कई युवा सिर्फ करते हैं।
दुनियाभर में सोमेश की चर्चा
गोवा में 27 से 29 नवंबर तक आयोजित आई कॉम्पीट नेचुरल (ICN) की अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में सोमेश ने न सिर्फ तीन गोल्ड मेडल जीते, बल्कि अपने पहले ही प्रोफेशनल डेब्यू में दो प्रो कार्ड हासिल करके मंडी शहर और हिमाचल का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन कर दिया।
सोमेश राणा एक साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता भूप सिंह मंडी शहर में सब्जी बेचकर परिवार का गुजारा करते हैं। आर्थिक स्थिति सीमित होने के बावजूद सोमेश ने कभी हार नहीं मानी। शरीर बनाने की शुरुआत उन्होंने लगभग 8 वर्ष पहले की थी, और आज यही तपस्या उन्हें चमकते सितारों की कतार में खड़ा कर रही है।
1200 एथलीटों में चमका मंडी का सितारा
गोवा में हुई इस अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में दुनिया भर से करीब 1200 बॉडी बिल्डर्स ने हिस्सा लिया था। इसमें प्रतियोगियों के लिए सख्त नियम और नेचुरल बॉडीबिल्डिंग के लिए कठोर टेस्ट किए जाते हैं। ऐसे बड़े मंच पर सोमेश ने अपने दमदार प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा।
सोमेश ने जीते तीन गोल्ड
एमेच्योर मैन फिजिक- गोल्ड
एमेच्योर मैन क्लासिक फिजिक- गोल्ड
एमेच्योर कैटेगरी में एक और गोल्ड
प्रोफेशनल डेब्यू में ओवरऑल थर्ड और सेकंड पोजीशन। सोमेश ने दो प्रो कार्ड हासिल किए। इन प्रो कार्ड के साथ अब सोमेश 2026 तक किसी भी वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
अभ्यास में नहीं कमी
सोमेश लंबे समय से अपनी ट्रेनिंग क्लब 55 जिम मंडी में कर रहे हैं। गोवा से वापसी के बाद जब वह जिम पहुँचे तो साथियों और शहर के युवाओं ने उनका ज़ोरदार स्वागत किया। जिम के फाउंडर अमित शर्मा और ‘सोच फाउंडेशन’ के संस्थापक राजा सिंह मल्होत्रा ने भी सोमेश को उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर बधाई दी और भविष्य में पूरा सहयोग देने की बात कही।
राजा सिंह मल्होत्रा ने कहा कि सोमेश का नेचुरल बॉडीबिल्डिंग के प्रति समर्पण अन्य युवाओं के लिए मिसाल है। उन्होंने प्रदेश सरकार से ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने की भी अपील की।
ICN दुनिया की उन चुनिंदा प्रतियोगिताओं में से है, जहां स्टेरॉयड का प्रयोग करने वाले एथलीटों को सख्ती से बाहर कर दिया जाता है। हर प्रतिभागी का डोप टेस्ट होता है और केवल वही आगे बढ़ पाता है जिसकी बॉडी नेचुरल हो।
आठ साल की मेहनत लाई रंग
सोमेश राणा पिछले आठ वर्षों से नेचुरल बॉडीबिल्डिंग को ही अपना मार्ग मानते आए हैं। वह न सिर्फ खुद इसका पालन करते हैं बल्कि युवाओं को भी स्टेरॉयड और नशे से दूर रहने का संदेश देते रहते हैं। उनका मानना है कि फिटनेस केवल शरीर नहीं, बल्कि जीवनशैली और संकल्प का नाम है।
सोमेश का अगला पड़ाव अब वर्ल्ड चैंपियनशिप का मेडल है। उनका कहना है कि वे भारत, हिमाचल और अपने शहर मंडी का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर और बड़े सम्मान के साथ दर्ज कराना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें सरकारी मदद और बेहतर संसाधनों की आवश्यकता है।









