Sirmour: गांव से निकले पार्थ ने देशभर में किया टॉप, वायुसेना में बना बड़ा अफसर- रचा इतिहास

Khabron wala

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के एक बेटे ने अपना, अपने परिवार का और प्रदेश का नाम देशभर में रोशन कर दिया है। राजगढ़ उपमंडल के सेर जगास क्षेत्र के पार्थ चौहान ने भारतीय वायुसेना में शानदार सफलता हासिल की है।

एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बने पार्थ

पार्थ का चयन इंडियन एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर पद के लिए हुआ है। देशभर में आयोजित चयन प्रक्रिया में उन्होंने 63वां रैंक प्राप्त कर प्रदेश और इलाके का नाम रोशन किया है।

पार्थ की इस सफलता के बाद परिवार में खुशी का माहौल है और पूरे क्षेत्र में बधाइयों का तांता लगा हुआ है।

पार्थ की ये सफलता युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद पार्थ ने मेहनत, अनुशासन और लक्ष्य पर फोकस रखते हुए एक प्रतिष्ठित पद हासिल किया है।

कैसे बन सकते हैं फ्लाइंग ऑफिसर?

पार्थ की इस सफलता के साथ यह जानना भी जरूरी है कि भारतीय वायुसेना का फ्लाइंग ऑफिसर बनने के लिए युवाओं को किन परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है।

राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, NDA के माध्यम से

बारहवीं के बाद UPSC की NDA परीक्षा

लिखित परीक्षा

SSB इंटरव्यू

मेडिकल टेस्ट

चयन होने पर NDA पुणे में 3 साल की ट्रेनिंग

एयरफोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट, AFCAT के माध्यम से

ग्रेजुएशन के बाद सबसे सामान्य रास्ता

AFCAT लिखित परीक्षा

AFSB इंटरव्यू

मेडिकल एवं मेरिट के बाद चयन

NCC C-सर्टिफिकेट (एयर विंग) की खास एंट्री

NCC के ‘C’ सर्टिफिकेट धारकों के लिए वायुसेना में विशेष प्रवेश

AFSB + मेडिकल के बाद सीधे मेरिट आधारित चयन

फ्लाइंग ऑफिसर बनने के लिए योग्यता

भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच में प्रवेश के लिए यह योग्यता आवश्यक है-

12वीं में फिजिक्स और मैथ्स अनिवार्य

ग्रेजुएशन (किसी भी विषय में 3 साल की डिग्री या B.Tech/B.E.)

ग्रेजुएशन में न्यूनतम 60% अंक

उम्र सीमा: 20–24 वर्ष

फ्लाइंग ऑफिसर की ट्रेनिंग कैसी होती है?

फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में चयनित उम्मीदवारों को बेहद कठिन और अनुशासित ट्रेनिंग से गुजरना होता है।

ट्रेनिंग की अवधि- लगभग 1 साल की कठोर सैन्य और उड़ान प्रशिक्षण तकनीकी, युद्धक, शारीरिक क्षमता और नेतृत्व गुणों का विकास

ट्रेनिंग संस्थान- एयर फोर्स अकादमी (डुंडीगल, हैदराबाद), बेसिक फ्लाइंग ट्रेनिंग, स्टेज–1, स्टेज–2 और स्टेज–3 उड़ान प्रशिक्षण, विभिन्न प्रकार के एयरक्राफ्ट पर अभ्यास

ट्रेनिंग में शामिल विषय- एविएशन थ्योरी, एयरक्राफ्ट सिस्टम, हथियार संचालन, युद्धक रणनीतियां, फिजिकल ड्रिल, सर्वाइवल ट्रेनिंग, एयर-बेसिक कॉम्बैट कोर्स,फ्लाइंग ऑफिसर की जिम्मेदारियां, फ्लाइंग ऑफिसर भारतीय वायुसेना का कमिशन प्राप्त अधिकारी होता है।

यह पद न केवल तकनीकी कौशल, बल्कि साहस, निर्णय क्षमता और अनुशासन की मांग करता है। फ्लाइंग ऑफिसर की ये जिम्मेदारियां होती हैं-

लड़ाकू, परिवहन या ट्रेनर विमान उड़ाना

एयर ऑपरेशन और मिशन प्लानिंग

राष्ट्रीय सुरक्षा मिशनों में भागीदारी

लैंडिंग/टेकऑफ, नेविगेशन और संचार नियंत्रण

एयरफोर्स की रणनीतिक तैयारियों में योगदान

अपने स्क्वाड्रन की नेतृत्व जिम्मेदारियां

कितनी मिलती है सैलरी?

भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर की सैलरी भारत की सबसे प्रतिष्ठित सैन्य सैलरी संरचनाओं में से एक है। इसके अलावा अनेक भत्ते भी मिलते हैं। फ्लाइंग ऑफिसर की मंथली सैलरी ₹85,000 से ₹1,10,000 (लगभग) होती हैं।

कौन-कौन से भत्ते?

फ्लाइंग अलाउंस

मिलिटरी सर्विस पे

राशन मनी अलाउंस

किट मेंटनेंस

ट्रेवल/स्पेशल ड्यूटी अलाउंस

मेडिकल सुविधाएं

फैमिली क्वार्टर

CSD कैंटीन सुविधाएं

पार्थ के गांव रतोली में ग्रामीणों ने मिठाइयां बांटकर खुशी जाहिर की। परिवार ने कहा कि पार्थ बचपन से ही पढ़ाई में तेज था। वह वायुसेना में शामिल होना चाहता था और उसने लगातार तैयारी कर यह सपना पूरा किया।

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