Khabron wala
हिमाचल में अफसरशाही की प्रताड़ना एक बार फिर सुर्खियों में है। विमल नेगी केस की यादें अभी ताजा ही थीं, लेकिन शाहपुर से आई घटना ने फिर साबित कर दिया है कि विभागों में अफसरों का दबदबा और मानसिक उत्पीड़न जानलेवा मोड़ ले रहा है।
टी-मेट ने लगाया फंदा
शाहपुर विद्युत मंडल में तैनात टी-मेट सचिन ने कथित तौर पर अधिशासी अभियंता और कनिष्ठ अभियंता द्वारा लंबे समय से की जा रही प्रताड़ना, अपमान और दबाव से तंग आकर शिकायत कक्ष में फंदा लगा लिया।
कमरा अंदर से बंद था, सचिन की कोई आवाज़ बाहर नहीं पहुंची। जब तक कर्मचारी दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे, वह बेसुध लटका मिला। प्राथमिक उपचार के बाद उसे टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां उसकी हालत अब भी बेहद नाजुक बताई जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि गर्दन की हड्डी में गंभीर चोट है।
फंदे से पहले लिखा लेटर
यूनियन के पास सचिन द्वारा भेजा गया लिखित आवेदन मिला है, जिसमें उसने साफ लिखा था कि अधिशासी अभियंता और जेई मुझे लगातार परेशान कर रहे हैं, अपमानित कर रहे हैं और मानसिक दबाव बना रहे हैं।
कई बार की शिकायत- पर मदद नहीं मिली
यूनियन का दावा है कि इसी अधिकारी के खिलाफ अन्य कर्मचारियों ने भी शिकायतें दी थीं विभागीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मामला बढ़ता रहा और आखिरकार सचिन टूट गया। यह वही पैटर्न है जो विमल नेगी केस में सामने आया था, जहां सरकारी सिस्टम में अधिकारी की दबंगई और मानसिक उत्पीड़न ने एक कर्मचारी की जान ले ली थी। शाहपुर का यह मामला उसी काली तस्वीर का एक और अध्याय बनकर सामने आया है।
विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष रणवीर ठाकुर ने कहा कि यह हादसा नहीं, सिस्टम की असफलता है। कई शिकायतें आई थीं, पर किसी ने सुध नहीं ली।
संघ की मांगें:
अधिशासी अभियंता और कनिष्ठ अभियंता पर तुरंत FIR
विभागीय कार्रवाई की शुरुआत
पीड़ित परिवार को तत्काल सहायता
5 दिसंबर को शाहपुर कार्यालय का घेराव









