मणिकर्ण घाटी में भयानक अग्निकांड: आधी रात को दो घर और देवता का भंडार राख

Khabron wala 

देर रात मणिकर्ण घाटी के शांत ढडेई गांव में स वक्त हाहाकार मच गया, जब अचानक भड़की आग ने सुकून भरी नींद को चीखों में बदल दिया। मध्यरात्रि में उठे आग के भयानक गुबार ने देखते ही देखते पूरे इलाके को दहला दिया। ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए घरों से बाहर भागे, जिसके बाद चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

देर रात तक चला बचाव कार्य, करोड़ों का नुकसान

आग की भयंकर लपटें इतनी तेज़ी से फैलीं कि स्थानीय लोगों के शुरुआती प्रयास – जिसमें मिट्टी और पानी का इस्तेमाल किया गया – नाकाम साबित हुए। ग्रामीणों ने एकजुट होकर कड़ी मशक्कत की, लेकिन जब तक दमकल विभाग की टीम मणिकर्ण से घटनास्थल तक पहुंची, तब तक आग ने विकराल रूप ले लिया था।

दमकल कर्मियों ने स्थानीय निवासियों के सहयोग से घंटों जूझने के बाद आग पर नियंत्रण पाया। हालांकि, इस विनाशकारी घटना में दो रिहायशी इमारतें और देवता अठारह पेड़े से संबंधित प्राचीन मंदिर सराय तथा उसका महत्वपूर्ण भंडार पूरी तरह से जलकर खाक हो गए।

सहमे हुए हैं प्रभावित परिवार

प्राथमिक आकलन के अनुसार, इस अग्निकांड में काफी नुकसान हुआ है। घरों और देवस्थान को खोने वाले प्रभावित परिवार सदमे में हैं, वहीं देवता से जुड़े सेवक (देवलु) इस दैवीय क्षति से काफी आहत हैं।

स्थानीय निवासियों ने तत्काल प्रभाव से राज्य सरकार और ज़िला प्रशासन से प्रभावित परिवारों के लिए पर्याप्त राहत पैकेज और पुनर्वास सहायता की मांग की है।

घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक दल ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लेना शुरू कर दिया है, ताकि जल्द से जल्द प्रभावितों को सहायता पहुंचाई जा सके।

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