प्रदेश में लगातार हो रही बर्फबारी के साथ कोहरे की चेतावनी

Khabron wala 

एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से जनजातीय और दुर्गम जिले लाहौल-स्पीति में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। जिला के उदयपुर उपमंडल के अंतर्गत आने वाले दुर्गम क्षेत्र मयाड़ घाटी में रविवार सुबह से ही बर्फ के फाहे गिरे। रोहतांग, बारालाचा और शिंकुला दर्रे में शनिवार रात्रि में बर्फबारी दर्ज की गई। रविवार सुबह मयाड़ घाटी में करीब 2 से 3 इंच ताजा बर्फ दर्ज की गई। बर्फबारी के कारण पूरी घाटी ने सफेद चादर ओढ़ ली है। हिल स्टेशनों शिमला और मनाली सहित ऊंचे पहाड़ी इलाकों में रविवार सुबह से बादल छाए रहने से ठंड का असर बढ़ गया है, वहीं मैदानी और निचले क्षेत्रों में घने कोहरे ने जनजीवन की रफ्तार धीमी कर दी है।

राजधानी शिमला में रविवार को न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से करीब 5 डिग्री अधिक रहा, जबकि मनाली में तापमान 6.7 डिग्री सैल्सियस रिकॉर्ड किया गया। दूसरी ओर बिलासपुर, ऊना और मंडी जैसे निचले और मैदानी जिलों में घने कोहरे के कारण दृश्यता पर खासा असर पड़ा है। सुबह और देर रात के समय कई इलाकों में विजिबिलिटी बेहद कम रही, जिससे सड़क यातायात प्रभावित हुआ और वाहन चालकों को सावधानी बरतनी पड़ी।

मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगले चार दिनों तक राज्य के निचले जिलों में देर रात और सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। इसके लिए यैलो अलर्ट जारी किया गया है। विभाग के अनुसार 22 से 25 दिसम्बर के बीच खासकर बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा और मंडी जिलों के कुछ हिस्सों में घना कोहरा पड़ सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने अपने पूर्वानुमान में यह भी स्पष्ट किया है कि 22 से 27 दिसम्बर तक प्रदेश में मौसम शुष्क बना रहेगा।

इस बीच शिमला, कुफरी और मनाली की वादियों में बर्फबारी की उम्मीद में सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। क्रिसमस और न्यू ईयर की छुट्टियों को देखते हुए होटल और पर्यटन स्थलों पर रौनक तो है लेकिन मौसम विभाग के साफ पूर्वानुमान ने पर्यटकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। इन पर्यटन स्थलों पर अभी सीजन की पहली बर्फबारी का इंतजार बना हुआ है।

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