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कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश के डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि एक मरीज करीब दो घंटे तक दर्द से तड़पता रहा, लेकिन उसे समय पर वरिष्ठ डॉक्टर की चिकित्सकीय सहायता नहीं मिल सकी, जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
परिजनों का कहना है कि इस दौरान केवल प्रशिक्षु (इंटर्न) डॉक्टर मरीज को देखने आते रहे, दवाइयां देकर चले गए, लेकिन किसी भी वरिष्ठ या विशेषज्ञ डॉक्टर को मौके पर नहीं बुलाया गया। आरोप है कि इलाज में लगातार देरी होती रही और मरीज की हालत बिगड़ती चली गई।
परिजनों का दावा है कि यदि समय रहते विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा इलाज किया जाता, तो मरीज की जान बचाई जा सकती थी। घटना के बाद अस्पताल परिसर में परिजनों का रोष देखने को मिला और उन्होंने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
परिजनों ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा है कि लापरवाही के लिए जिम्मेदार डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यह मामला एक बार फिर सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं, वरिष्ठ डॉक्टरों की उपलब्धता और जवाबदेही पर सवाल खड़े करता है।
अब सभी की नजर अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर है कि इस गंभीर आरोप पर क्या कार्रवाई की जाती है।











