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हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ समय से बच्चियों, युवतियों और महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों का ग्राफ बढ़ गया है। सूबे में आए दिन बच्चियां, युवतियां और महिलाएं यौन उत्पीड़न व दुष्कर्म जैसे अपराधों का शिकार हो रही हैं।
नाबालिग से किया दुष्कर्म
इन मामलों में पीड़िताओं को इंसाफ पाने के लिए लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ता है। मगर हिमाचल के रामुपर की अदालत ने 14 महीने की सुनवाई के बाद नाबालिग के साथ नीचता करने वाले आरोपी को कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
जानकारी के अनुसार, मामला 12 अक्टूबर, 2024 का है- जब पीड़िता महज 11 साल की थी। बताया जा रहा है कि पीड़िता के माता-पिता किसी काम के सिलसिले में घर से बाहर गए हुए थे और वो घर पर अकेली थी। इसी दौरान रात करीब 11 बजे पड़ोस में रहने वाले तपेंद्र बहादुर और उसकी पत्नी को घर से बच्ची की चिल्लाने की आवाज आई।
घर पर हुआ दुष्कर्म
बच्ची के चिल्लाने की आवाज सुनकर दोनों बच्ची के घर भागे। जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला- उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने देखा कि रचोली का रहने वाला 40 वर्षीय नानक चंद बच्ची के साथ अर्ध नग्न अवस्था में दुष्कर्म कर रहा था।
बच्ची तपेंद्र की पत्नी के साथ लिपट कर जोर-जोर से रोने लगी। घटना के बाद बच्ची काफी सहमी हुई थी। बच्ची ने तपेंद्र की पत्नी को बताया कि नानक चंद शाम को करीब 7.30 बजे उसके कमरे में घुस गया था। उसने बहुत शराब पी रखी थी और वो उसके साथ गलत काम करने लगा।
मौके से भागा आरोपी
इसी बीच आरोपित मौके से भाग निकला। अगली सुबह पीड़िका के माता-पिता जब घर आए तो बच्ची व पड़ोसी ने उन्हें पूरी बात बताई। बच्ची की बात सुनते ही माता-पिता बच्ची को लेकर रामपुर थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज करवाई। उधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
मामले में चार्जशीट दायर की गई और मामला कोर्ट पहुंचा। जहां पर सुनवाई चली और मुकदमे के दौरान कोर्ट में 20 गवाहों को पेश करने, सभी दलीलों को सुनकर अदालत ने नानक चंद (40) को दोषी पाया- जो कि रचोली, रामपुर का रहना वाला है।
दोषी को मिली कठोर सजा
अब बीते कल अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय (पोक्सो कोर्ट) किन्नौर स्थित रामपुर अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले नानक चंद को कठोर सजा सुनाई है। कोर्ट ने BNS और पोक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी को 20 साल के कठोर कारावास के साथ दो हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। वहीं, जुर्माना ना देने पर सजा की वृद्धि का भी प्रावधान किया गया है। साथ ही अदालत ने पीड़िता को दो लाख रुपये मुआवजा सरकार द्वारा चलाई गई स्कीम के तहत देने के भी आदेश दिए हैं।












