सोलन फर्जी जनरल पावर आफ अटार्नी (जीपीए) के जरिए जमीन की खरीद-फरोख्त करने के मामले में बड़ी क्षेत्र के एक नंबरदार को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में अभी तक पांच लोगों को अंबाला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि आरोपितों ने नकली दस्तावेज तैयार कर संपत्ति का लेनदेन किया है। मामले की जांच हरियाणा के अंबाला स्थित आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की जा रही है। बहरहाल बद्दी तहसील में दर्ज इस जीपीए को रद कर दिया गया है।
हरियाणा में जीपीए के माध्यम से संपत्ति खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगने के बाद वहां के कई लोग सीमावर्ती राज्यों विशेषकर हिमाचल की तहसीलों में जीपीए दर्ज करवा रहे हैं। इसी प्रवृत्ति का फायदा उठाकर आरोपितों ने कथित तौर पर
फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमीन सौदों को अंजाम दिया। जांच एजेंसी के मुताबिक, गिरफ्तार किए आरोपितों ने मिलकर दस्तावेजों में हेराफेरी की और वास्तविक स्वामित्व को छिपाकर लेनदेन किया। प्राथमिक जांच में कई संदिग्ध जीपीए और संबंधित पंजीकरण सामने आए हैं। आर्थिक अपराध शाखा ने मामले से जुड़े रिकार्ड जब्त कर आगे की जांच तेज कर दी है।
यह मामला हरियाणा के पंजोखरा साहिब थाना में दर्ज है। मामला जमीन खरीद फरोख्त का है जिसे आर्थिक अपराध शाखा को सुपुर्द किया गया है और उन्होंने इस मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपित बद्दी के नंबरदार प्रवेश कुमार निवासी नजदीक आटा चक्की बद्दी शीतलपुर जिला सोलन को गिरफ्तार कर लिया है। अदालत ने उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।
इस मामले में पहले गिरफ्तार आरोपित बलकार सिंह, रशीद मोहम्मद, कपिल, पलविंद्र सिंह व महिला ने बताया था कि प्रवेश कुमार भी इस मामले में संलिप्त है। इस मामले में अब तक छह आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में शिकायतकर्ता महिला ने नौ नवंबर को पंजोखरा साहिब थाना में शिकायत दर्ज करवाई थी कि 15-16 अक्टूबर को आरोपित बलकार सिंह निवासी गांव उगाड़ा अंबाला, रशीद मोहम्मद निवासी मस्जिद गोदाम कालका (पंचकूला), कपिल निवासी शिव कालोनी पिंजौर (पंचकूला), पलविंद्र सिंह गांव ठरवा (अंबाला) व अन्य ने जमीन खरीद फरोख्त मामले में फर्जी वसीयत व मुख्त्यारनामा बारे उससे धोखाधड़ी करने का आपराधिक कार्य किया है। इस शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जिम्मेदारी आर्थिक अपराध शाखा के पुलिस दल को सौंप दी।
सूत्रों का कहना है कि हिमाचल की तहसीलों में हर साल हरियाणा से जुड़ी हजारों जीपीए दर्ज होती हैं, जिनकी वैधता और प्रक्रिया पर अब प्रशासन की नजर है। मामले का पता चलने के बाद राजस्व विभाग और पंजीकरण कार्यालयों में दस्तावेजों की जांच की तैयारी की जा रही है। पुलिस ने संकेत दिए हैं कि जांच के दायरे में और भी नाम आ सकते हैं। आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, जबकि मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की पड़ताल जारी है।












