शिमला आईपीएस अधिकारी सौम्या सांबशिवन को गुडिय़ा प्रकरण के दौरान रातोंरात शिमला का एसपी नियुक्त कर दिया। यहां पहली महिला एसपी बनने का गौरव सौम्या ने हासिल कर लिया। चंद रोज में ही एसपी सौम्या सांबशिवन को लेकर एक मैसेज वायरल हो गया।
इसमें कहा गया, आईपीएस अधिकारी ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के दौरान एक विधायक को थप्पड़ जड़ दिया था, साथ ही उसे जेल भेज दिया। इस वायरल मैसेज की पड़ताल की। पता चला कि जब वह 2010 में आईपीएस अधिकारी बनी हैं तो 2006 में विधायक को बतौर आईपीएस कैसे थप्पड़ मार सकती थी। तकरीबन दो साल सिरमौर में बतौर एसपी रहने के दौरान एक ऐसा मौका जरूर आया था, जब पूर्व मुख्य संसदीय सचिव के साथ असहज स्थिति पैदा हो गई थी, क्योंकि इस दौरान पूर्व सीपीएस की जुबान फिसल गई ओर उनके मुंह से एसपी के सामने गाली निकल गई थी। मामला पांवटा साहिब में अवैध खनन पर अंकुश लगाने से जुड़ा हुआ था। पड़ताल में यह भी पता चला है कि उस वक्त सौम्या सांबशिवन को गुस्सा जरूर आया था, लेकिन खुद पर नियंत्रण कर लिया था। यह बात सही है कि एसपी ने छात्राओं को सिरमौर में खुद के बचाव के लिए मिर्ची स्प्रे बनाने की ट्रेनिंग दी थी। पूछे जाने पर खुद भी एसपी ने किसी विधायक को थप्पड़ मारने की बात से इंकार किया है। बहरहाल विधायक को थप्पड़ मारने को लेकर वायरल मैसेज झूठा निकला है।