पांवटा साहिब : कानून से बड़ा नेताओं के लिए ओहदे का जलवा होता है। अधिकतर नेता खुले तौर पर कानून की पालना करते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो सबकुछ जानते हुए नजर अंदाज कर देते हैं। खबर राज्य अल्प संख्यक विकास व वित्त निगम के उपाध्यक्ष तपेन्द्र सैनी से जुड़ी हुई है।
आपको याद होगा कि हाल ही में मिडिया ने इस बात का खुलासा किया था कि राज्य अल्प संख्यक वित्त विकास निगम के उपाध्यक्ष तपेंद्र सैनी ने अपने सरकारी वाहन पर न केवल रुतबे को दिखाने के लिए पद पट्टिका लगाई हुई है, बल्कि वीआईपी होने का स्टीकर चस्पा किया है। साथ ही वाहन पर बड़े-बड़े अक्षरों में सरकारी वाहन भी लिखवाया हुआ है। उस वक्त यह अंदाजा था कि शायद नेता जी को कानून का पाठ नहीं है, लेकिन सोशल मीडिया में खबर फैलने के बावजूद ओहदे का जलवा हटाने को तैयार नहीं है। पाठकों ने तस्वीरें भेजी हैं। सवाल यह उठता है कि मीडिया के खुलासे के बाद जब प्रशासनिक अधिकारी तत्काल प्रभाव से पदनाम पट्टिकाओं को हटा सकते हैं तो उपाध्यक्ष महोदय इसे न हटाने की जिद पर क्यों अड़े हैं। एसपी रोहित मालपानी का कहना है कि मामला संज्ञान में है। जल्द ही इस पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वीआईपी कल्चर खत्म करने के मकसद से कोर्ट के आदेशों की पालना होगी।