सरकारी कर्मचारियों दवारा चुनाव आचार सहिता की उड़ाई जा रही धज्जिया

 

दीवाली के नाम पर सरकारी गाडियों में ढोए जा रहे महंगे गिफ्ट

(जसवीर सिंह हंस ) जिला चुनाव अधिकारी व दण्डाधिकारी सिरमौर बी0सी0 बडालिया ने आज ही निर्वाचन के दौरान ताकि वाहनों में अन्य राज्यों से आ रही  भारी भरकम नकद राशि, मदिरा  अथवा  जिला में बिना दस्तावेज के लाए जा रहे सामान पर पर अंकुश लगाया जा सके | जिला की सीमाओं पर 13 पुलिस नाका  चौकी स्थापित की गई  थी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गये थे कि आवश्यक स्थानों पर नए और नाके स्थापित किए जाऐं |

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Khabron wala हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थान देश दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। ऐसे ही एक शिक्षण संस्थान ने अब एक नया इतिहास रच दिया है। दरअसल हिमाचल के मंडी जिला में स्थित आईआईटी मंडी के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। नवाचार और स्टार्टअप की दिशा में उल्लेखनीय योगदान के लिए संस्थान को देशभर में यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर का खिताब मिला है। आईआईटी मंडी को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा दिल्ली में आयोजित एफआईसीसीआई हायर एजुकेशन एक्सीलेंस अवॉर्ड्स 2025 में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संस्थान को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा। इनमें यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर और एक्सीलेंस इन क्रिएटिंग एंप्लॉयमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप शामिल हैं। यह सम्मान आईआईटी मंडी को हिमालयी क्षेत्र में 400 से अधिक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए दिया गया है। संस्थान के नवाचार आधारित शोध कार्यों ने न केवल युवाओं को नए अवसर प्रदान किए हैं, बल्कि देश को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर भी अग्रसर किया है। नवाचार और स्टार्टअप्स में नई पहचान आईआईटी मंडी बीते कुछ वर्षों में स्टार्टअप और इनोवेशन के क्षेत्र में तेजी से उभरा है। संस्थान की रिसर्च लैब्स और इनक्यूबेशन सेंटर ने सैकड़ों युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने का मौका दिया है। स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक इन स्टार्टअप्स ने नई दिशा दी है। आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मिधर बेहरा ने कहा कि यह उपलब्धि पूरे संस्थान के लिए गर्व का क्षण है। यह सम्मान हमारे संकाय छात्रों और स्टाफ की कड़ी मेहनत का नतीजा है। हम नवाचार की संस्कृति को मजबूत कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि संस्थान का फोकस केवल शोध तक सीमित नहीं है, बल्कि अनुसंधान के व्यावहारिक उपयोग, उद्योगों से साझेदारी और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर भी है। आईआईटी मंडी का मानना है कि देश में तकनीकी नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त बनाकर ही रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। यही कारण है कि संस्थान में कई शोध परियोजनाएं सीधे सामाजिक और औद्योगिक जरूरतों से जुड़ी हुई हैं। इस उपलब्धि के बाद आईआईटी मंडी ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका लक्ष्य केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी उसकी भूमिका अहम होगी।

पुलिस अधिकारियों से आग्रह किया कि जिला में निर्वाचन विभाग द्वारा गठित उड़न दस्तों एंव निगरानी समितियां के साथ समन्वय स्थापित किया जाए ताकि संयुक्त रूप से असमाजिक तत्वों पर अंकुश लगाया जा सके | परन्तु से सभी जमीनी स्तर नाकामयाब नजर आ रहे है क्यूंकि शहर में आबकारी व कराधान विभाग की सरकारी गाडी में महंगे गिफ्ट ढोए जा रहे है दिवाली  के नाम पर लिए जा रहे ये महंगे गिफ्ट बिना बिल होते है व भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है इस मामले पर जिले का विजिलेंस विभाग भी खामोश बैठा है वही पोंटा साहिब के डी.एस.पी. ऑफिस के पास ही इस कारनामे को अंजाम दिया जा रहा है व पुलिस के नाक तले ये काम हो रहा है | इस विषय में एस.डी.एम एच आर रांणा का कहना है कि ये मामला पकड़ना  पुलिस का काम है |

पुलिस अधीक्षक सिरमौर रोहित मालपानी कहा था कि पड़ोसी राज्य के पुलिस अधिकारियों के साथ लगातार सम्पर्क बनाए हुए है और फूलप्रूफ प्रबन्ध कर दिए गए है और कहा था कि असमाजिक तत्वों द्वारा नकदी, शराब व अन्य सामान को जिला में लाने के लिए सब्जियों , रेत ईंट के ट्रकों को भी इस्तेमाल किया जा रहा है जिस पर कड़ी नजर रखी गई है ।

परन्तु ये बात कौन समझाएगा कि  सरकारी गाडियों में ही जब काले कारनामो को अंजाम दिया जा रहा है | इस विषय में पुलिस अधीक्षक सिरमौर रोहित मालपानी का कहना है कि  उड़न दस्तों एंव निगरानी समितियां ऐसे मामले पकड़ सकती है | यदि  शहर में आबकारी व कराधान विभाग की सरकारी गाडी में महंगे गिफ्ट ढोए जा रहे है दिवाली  के नाम पर लिए जा रहे ये महंगे गिफ्ट बिना बिल होते है तो वो इसके विषय में पुलिस को निर्देश देंगे |

 

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Khabron wala हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थान देश दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। ऐसे ही एक शिक्षण संस्थान ने अब एक नया इतिहास रच दिया है। दरअसल हिमाचल के मंडी जिला में स्थित आईआईटी मंडी के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। नवाचार और स्टार्टअप की दिशा में उल्लेखनीय योगदान के लिए संस्थान को देशभर में यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर का खिताब मिला है। आईआईटी मंडी को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा दिल्ली में आयोजित एफआईसीसीआई हायर एजुकेशन एक्सीलेंस अवॉर्ड्स 2025 में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संस्थान को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा। इनमें यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर और एक्सीलेंस इन क्रिएटिंग एंप्लॉयमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप शामिल हैं। यह सम्मान आईआईटी मंडी को हिमालयी क्षेत्र में 400 से अधिक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए दिया गया है। संस्थान के नवाचार आधारित शोध कार्यों ने न केवल युवाओं को नए अवसर प्रदान किए हैं, बल्कि देश को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर भी अग्रसर किया है। नवाचार और स्टार्टअप्स में नई पहचान आईआईटी मंडी बीते कुछ वर्षों में स्टार्टअप और इनोवेशन के क्षेत्र में तेजी से उभरा है। संस्थान की रिसर्च लैब्स और इनक्यूबेशन सेंटर ने सैकड़ों युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने का मौका दिया है। स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक इन स्टार्टअप्स ने नई दिशा दी है। आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मिधर बेहरा ने कहा कि यह उपलब्धि पूरे संस्थान के लिए गर्व का क्षण है। यह सम्मान हमारे संकाय छात्रों और स्टाफ की कड़ी मेहनत का नतीजा है। हम नवाचार की संस्कृति को मजबूत कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि संस्थान का फोकस केवल शोध तक सीमित नहीं है, बल्कि अनुसंधान के व्यावहारिक उपयोग, उद्योगों से साझेदारी और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर भी है। आईआईटी मंडी का मानना है कि देश में तकनीकी नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त बनाकर ही रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। यही कारण है कि संस्थान में कई शोध परियोजनाएं सीधे सामाजिक और औद्योगिक जरूरतों से जुड़ी हुई हैं। इस उपलब्धि के बाद आईआईटी मंडी ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका लक्ष्य केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी उसकी भूमिका अहम होगी।

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