(जसवीर सिंह हंस) चुनाव आयोग की सख्ती के बावजूद चुनावी समय में सवेदनशील कहे जाने वाले व दो राज्यों उतराखंड व हरियाणा की सीमा से सटे पांवटा साहिब में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने जिले के प्रशासन की सुरक्षा वयवस्था की पोल खोलकर रख दी है |
मामला यह है कि जिले के चुनाव अधिकारी व जिलाधीश बी.डी. बड़ालिया की अनुशंसा पर दो व्यक्तियों को लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाउस में कमरा दे दिया गया | बाद में पुलिस दवारा दो सुरक्षा कर्मी भी मांग लिए गये परन्तु उनसे पूछताछ हुई तो उनमे से एक युक्ति अपने आप को इलहाबाद के सेशन जज बता रहा था व अपने स्थाई पता पंजाब का बता रहे थे व पुलिस दवारा मांगे जाने पर अपना आई कार्ड नहीं दिखा सके शक होने पर पुलिस दवारा जब उनसे सख्ती से पूछताछ की गयी तो उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया कि वो कोई सेशन जज नहीं है बल्कि आम आदमी है |
सवाल ये उठता है कि इतनी सख्ती होने के बावजूद क्या कोई आदमी नकली जज बनकर लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाउस में कमरा बुक करा सकता है वो भी जिले के चुनाव अधिकारी व जिलाधीश की अनुशंसा पर |क्या पहले ये जाँच करना जरुरी नहीं था कि क्या वो कौन है कहा से आये है यदि वे किसी वारदात को अंजाम दे देते तो इसका जिम्मेवार होता | इस मामले में बड़ी लापरवाही सामने आ रही है देखना यह है कि इस मामले पर हिमाचल प्रदेश चुनाव आयोग दोषी अधिकारियो पर कारेवाही करेगा या नहीं |
मामले कि पुष्टि एस एच ओ जसवीर सिंह ने करते हुए कहा कि पंजाब के जालंधर के रहने वाले जितेंदर कांडा व रामचंदर निवासी जालन्धर को नकली जज बनकर लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाउस में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है | इस मामले पर सिरमौर के जिलाधीश बी.डी. बड़ालिया का कहना है कि उनके पास किसी का फ़ोन आया था कि पंजाब से कोई जज आ रहे है उनको रहेने के लिए कमरा दिया जाए | उन्होंने पांवटा साहिब के एस.डी. एम. एच.एस. राणा को निर्देश दिए थे | इस मामले पर हिमाचल प्रदेश चुनाव आयोग के मिडिया प्रभारी नीरज शर्मा ने बताया कि उन्होंने जिलाधीश बी.डी. बड़ालिया से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है व वो सुबह ऑफिस जाकर इस मामले पर पूरी रिपोर्ट लेंगे व आगे की कारेवाही करेंगे |