पानी का टैंक व डंगे बने कॉलेज प्रबंधन के लिए बनी मुसीबत टैंक पर चढक़र लेते हैं सेल्फियां

 

सिरमौर जिला के नाहन को दो माह पुर्व मिले नये डॉ. यशवंत सिंह परमार महाविद्यालय भवन के लिए बनी पानी की टंकी व सीमेंट का डंगा कॉलेज प्रबंधन के लिए सिरदर्दी बन गया है। कॉलेज भवन के ठीक सामने दो लाख लीटर के पानी का ओवर हैड टैंक बना हुआ है। इस टैंक की ऊंचाई सौ मीटर से जयादा है। कॉलेज के छात्र व छात्राएं इस टैंक पर चढक़र सेल्फी लेने से बाज नहीं आ रहे हैं।

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यही नहीं यह टैंक अभी तक कॉलेज के हैंड ओवर नहीं किया गया है। सुरक्षा दिवार न होने के कारण छात्र व छात्राएं इस टैंक की सीडिय़ों से चढक़र जगह-जगह खतरनाक बिंदुओं पर स्टंट करते हुए सेल्फी लेते हैं। वहीं दूसरी ओर कॉलेज की ओर जाने वाली  सडक़ जब कॉलेज के प्रवेश द्वार तक पहुंचती है, तो वहां से डंगे की ऊंचाई भी काफी ज्यादा ऊंची हो जाती है। छात्र अकसर इस सीमेंट के डंगे पर बैठकर धूप का आनंद लेते हैं। और तरह-तरह के स्टंट करते हुए यहां भी सेल्फी लेने से बाज नहीं आते हैं। ऐसे में नई बिल्डिंग के कुछ पाइंट जहां एक ओर कॉलेज प्रबंधन के लिए डेंजर जोन बन गए हैं, तो वहीं इन खतरनाक स्पॉट को लेकर प्रबंधन पशोपेश में है कि इन्हें कैसे ठीक करवाया जाए। फिलहाल कॉलेज प्रबंधन ने पानी के टैंक की ओर जाने वाले रास्ते पर टीन के पल्ले आदि लगातार रास्ता तो रोक दिया है, मगर युवाओं की दीवानगी सेल्फी के लिए नये रास्ते भी खोज रही है। उधर कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. वीना राठौर का कहना है कि उन्हें हर वक्त यही चिंता लगी रहती है कि कहीं कोई पानी के टैंक से गिर न जाए, इसको लेकर उन्होंने लोक निर्माण विभाग व आईपीएच विभाग को सूचना भी दे दी है कि जल्द से जल्द इन डैंजर स्पॉट्स को सुरक्षा के दायरे में रखा जाए। ताकि कोई अनहोनी न हो। जिसमें दोनों ब्लॉक्स के प्रागंण में लोहे की रैलिंग को ऊंचा करना भी शामिल हैं। क्योंकि बच्चे अकसर इन रैलिगों पर भी बैठे रहते हैं।

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