(जसवीर सिंह हंस ) पंज प्यारों की अगुवाई मे नगर कीर्तन गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब शुरू किया गया। इस दौरान भव्य पालकी में गुरु ग्रंथ साहिब को सजा कर रखा गया था जिसके दर्शनों के लिए पूरा नगर सड़कों पर उमड़ा। गुरू गोविन्द सिंह की पावन धरती पांवटा साहिब में गुरू गोबिन्द सिंह के प्रकटोत्सव में हजारों लोगों ने शीश नवाया। सिखों के दसवें गुरू गुरू गोबिन्द सिंह का 351 वां प्रकाशोत्सव पर रविवार को भव्य नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। प्रकाशोत्सव के लिए पडोसी राज्यों के लोगों ने भी इस नगर कीर्तन में भाग लिया । समूचा पांवटा साहिब को गुरू गोबिन्द सिंह के प्रकाश उत्सव के लिए सजाया गया ।
नगर किर्तन पांवटा साहिब के गुरूद्वारे से आरम्भ किया गया। जिसे मुख्य बाजार से होते हुए वाई प्यांट, शमशेरपुर, ब्रदीपुर से होते हुए इसी क्रम में शाम तक गुरूद्वारा में पहुचा। इस नगर कीर्तन में श्रंद्वालुओं के लिए शहर में विभिन्न जगहों पर जलपान की व्यवस्था के लिए स्टाल लगाए गए थे जिसमें संगतों ने जलपान किया और गुरूवाणी के स्वरों में भक्तियम रहे। इस दौरान सिक्ख लोगों ने गतका और तलवार से भव्य प्रदर्शन किया। जिसकों को देखने के लिए लोगों को जमवाडा काफी समय तक बना रहा। इस प्रकाश उत्सव में शहर में कई स्कलों ने भी हाजरी लगाई। शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने अपनी अहम भूमिका निभाई। नगर कीर्तन में स्कूली बच्चो ने नगर किर्तन का पाठ किया।
गुरूद्वारा श्री पांवटा साहिब के प्रबंधक कुलवंत सिंह ने बताया कि गुरू गोबिन्द सिंह के प्रकाश उत्सव के उपलक्ष पर पांच जनवरी को कवि दरबार सजेगा। गुरू का प्रकाशोत्सव भी होगा। इस दिन निशान साहिब झुलाए जाएगें अमृत संचार प्रातः दस बजे से शीश महल में प्रारम्भ होगा। दिनभर विशेष दिवान सजेगा। जिसमें स्कूलों के बच्चें, बाहर से आए हुए रागी व ढाढी जत्थे व स्थानिय रागी कीर्तन द्वारा संतों को निहाल करेंगे । रात नौ बजे से 12 बजे तक कवि दरबार सजेगा जिसमें दूर-दूर से आए कवि गुरू गोबिंद सिंह जी से संबिन्धत रचानाओं को प्रस्तुत करेंगे ।