सिचांई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के सौजन्य से आज नाहन में पीलिया,हैजा, डाईफाइड, पोलियों, पेट के किटे, दस्त, पेचिस इत्यादि जलजनित रोग की रोकथाम तथा लोगांे को जागरूक करने के उद्देश्य से नव वर्ष के उपलक्ष्य पर स्वच्छता कार्यक्रम आरंभ किया गया, जिसकी अध्यक्षता नरेश धीमान अधीशाषी अभियन्ता आइपीएच ने की।
उन्होने बताया कि इस अभियान को पूरे जिले में सुचारू रूप से चलाया जाएगा ताकि आगामी सर्दियों के दौरान पानी की गन्दगी से होने वाली बिमारियों को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि हर व्यक्ति द्वारा अपने घर से जल संरक्षण की शुरूआत की जानी चाहिए तभी सभी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो पायेगा। उन्होने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जल के महत्व को समझना होगा और पानी के दुरपयोग पर अंकुश अपने घर से ही लगाना होगा तभी जल का संरक्षण संभव है।
उन्होने कहा कि हिमाचल प्रदेश पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां पर वर्षा का जल नदी नालों के रूप में बहकर अक्सर बर्बाद हो जाता है जिसके संग्रहण की नितान्त आवश्यकता है। उन्होने बताया कि लोगो को अपने घर बनाते समय वर्षा जल संग्रहण का प्रावधान किया जाना चाहिए ताकि वर्षा का जल एकत्रित करके इसका उपयोग रोजमर्रा के कार्यो में किया जा सके।
उन्होने बताया कि पारम्परिक जल स्त्रोतों का रखरखाव करना समय की आवश्यकता बन गई है। उन्होने कहा कि जल ही जीवन है परन्तु मनुष्य को पानी के दुरपयोग पर अंकुश लगाना ही होगा। उन्होने बताया कि विश्व स्तर पर लगभग 20 प्रतिशत जल उद्योगों द्वारा व्यय किया जा रहा है और बढते हुए औद्योगिकीकरण से भी जल संसाधनों पर दबाव बना रहा है। इसके अतिरिक्त जल प्रदूषण की समस्या को भी विकराल रूप दे रहा है।इस अवसर पर एक्सीएन आईपीएच राजीव महाजन सहित विभाग के विभिन्न अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।