(जसवीर सिंह हंस ) 24 फरवरी 2018 को 17 वर्षीय लड़की वीना सांस की समस्या से बुरी तरह से पीड़ित थी। उसके घरवालों ने सहायता के लिए तुरंत 108 पर कॉल की। यह केस आईएफटी सी एच सी राजपुरा सिरमौर स्थित 108 ऐंबुलेंस के पायलट हरदीप को सोंपा गया। बिना देर किए ऐंबुलेंस स्टाफ ढाडा पगार गांव से मरीज को अस्पताल लाने के अपने मिन पर निकल पड़ा। घटनास्थल पर पहुंच कर इन्होंने मरीज को अर्ध-चेतनावस्था में पाया बिना देर किए वीना को ऐंबुलेंस में शिफ्ट किया और पांवटा साहिब अस्पताल में दाखिल करवाया गया।
वहां पर डाक्टर ने मरीज की जांच की और कुछ दवाईंया लाने के लिए कहा। मरीज और उसके घरवालें जल्दबाजी में घर पर रखे पैसे लाना भूल गए थे। मरीज की हालत नाजुक थी और उसे तुरंत दवाई की जरूरत थी। पांवटा साहिब उनके लिए नई और बड़ी जगह थी और बिना पैसे के यहां उन्हें दवाई मिलना बहुत मुकिल था। ऐसी विकट परिस्थित में 108 ऐंबुलेंस के पायलट हरदीप ने अपने विवेक का परिचय दिया और मरीज को अपने पैसो से दवाईयां खरीद कर दी। फिर उन्हें अस्पताल में सुरक्षित छोड़ कर वापिस सी एच सी राजपुरा आ गए और किसी से भी इस बारे में बात नहीं की।
नियम के अनुसार जब 108 ईआरसी आपातकालीन प्रबंधन केन्द्र से 48 घंटे बाद मरीज से उसकी हालत जानने के लिए फोन किया गया तो पता चला कि हरदीप ने उनकी इस तरह मदद की है। मरीज के घरवालो ने हरदीप का धन्यवाद करने के लिए उससे मिलने की इच्छा जाहिर की तथा बताया की वीना अब बिलकुल स्वस्थ है। हरदीप द्वारा की गई मदद को वह कभी नहीं भूलेगे।
इस अवसर पर मेहूल सुकुमारन स्टेट हैड, जीवीके ईएमआरआई, हिमाचल प्रदेश ने हरदीप द्वारा की गई मदद की भूरि-भूरि प्रसां की व समस्त जीवीके टीम की और से हरदीप को मानवता की मिाल पे करने पर आभार प्रकट किया। सच में ही हरदीप का यह कार्य प्रसांनीय है खास कर तब जब वह ऐसे मिन से जुड़ा है जहां से लोगों को ऐसी मदद की उम्मीद अपेक्षा से ज्यादा रहती है। यह समाज के लिए भी एक सीख है।