सुंदरनगर के अभिषेक की सिविल सेवा परीक्षा में 32वीं रैंकिंग, सेल्फ स्टडी कर पाया देश भर में टॉप रैंक

अभिषेक वर्मा की प्रारंभिक पढ़ाई शिमला स्थित एडवर्ड स्कूल से हुई है और इसके बाद उन्होंने डीपीएस रोहिनी दिल्ली से 12वीं पास कर आईआईटी दिल्ली से 2016 में ही बी.टेक कंप्यूटर साईंस एंड इंजीनियरिंग में किया। अभिषेक की प्लेसमेंट करीब 24 लाख के सालाना पैकेज पर हुई थी, लेकिन उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा पास करने की ठानी और पहले प्रयास में थोड़ा चूक जाने के बाद दूसरे प्रयास में शानदार सफलता हासिल की।

अभिषेक वर्मा ने बताया कि पहले प्रयास में इस परीक्षा को हल्के में लिया और पास तो कर ली लेकिन रैंक में पिछड़ गए, लेकिन दूसरे प्रयास को उन्होंने स्मार्ट हार्ड वर्क का नाम देकर अपने सपने को साकार किया। अभिषेक वर्मा अपनी काययाबी का श्रेय अपने माता-पिता व बहन को और रोल मॉडल अपने पिता को मानते हैं जिनके सरकारी सेवा को समर्पण भाव ने उन्हें आईएएस बनने का जज्बा पैदा किया।

अभिषेक ने यूपीएससी की परीक्षा में देश भर में 32वां रैंक हासिल की है। वर्ष 2016 में भी अभिषेक ने यूपीएससी की परीक्षा को पास किया था, लेकिन उस दौरान उनका 961वां रैंक आया था। इस आधार पर उनकी नियुक्ति इंडियन ऑडिट एंड अकाऊंट्स सर्विस में हुई थी और आजकल शिमला में ही उनकी ट्रेनिंग चल रही है। अभिषेक ने अपनी पढ़ाई को जारी रखते हुए दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी और देश भर में 32वीं रैंक हासिल करके कामयाबी के झंडे गाड़ दिए।

अभिषेक ने यह रैंक बीना किसी कोचिंग के रोजना 7 से 8 घंटे की पढ़ाई करके हासिल किया है। हालांकि अभिषेक मूलतः सुंदरनगर शहर के पुराना बाजार के रहने वाले हैं लेकिन बचपन से ही वह शिमला में रह रहे हैं। उनके पिता मनोहर लाल वर्मा सीपीडब्ल्यूडी के शिमला डिविजन नंबर 2 में बतौर अधिशाषी अभियंता अपनी सेवाएं दे हैं जबकि माता मधू वर्मा गृहणी हैं। बहन अंकिता वर्मा वर्ष 2014 में सिविल सर्विस परीक्षा पास कर आईआरटीएस में चयनित हुई हैं और उनकी शादी कर्नाटका बैच के आईएएस (2015) रोशन से हुई है।

You may also likePosts

अभिषेक वर्मा की प्रारंभिक पढ़ाई शिमला स्थित एडवर्ड स्कूल से हुई है और इसके बाद उन्होंने डीपीएस रोहिनी दिल्ली से 12वीं पास कर आईआईटी दिल्ली से 2016 में ही बी.टेक कंप्यूटर साईंस एंड इंजीनियरिंग में किया। अभिषेक की प्लेसमेंट करीब 24 लाख के सालाना पैकेज पर हुई थी, लेकिन उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा पास करने की ठानी और पहले प्रयास में थोड़ा चूक जाने के बाद दूसरे प्रयास में शानदार सफलता हासिल की।

अभिषेक वर्मा ने बताया कि पहले प्रयास में इस परीक्षा को हल्के में लिया और पास तो कर ली लेकिन रैंक में पिछड़ गए, लेकिन दूसरे प्रयास को उन्होंने स्मार्ट हार्ड वर्क का नाम देकर अपने सपने को साकार किया। अभिषेक वर्मा अपनी काययाबी का श्रेय अपने माता-पिता व बहन को और रोल मॉडल अपने पिता को मानते हैं जिनके सरकारी सेवा को समर्पण भाव ने उन्हें आईएएस बनने का जज्बा पैदा किया।

अभिषेक ने यूपीएससी की परीक्षा में देश भर में 32वां रैंक हासिल की है। वर्ष 2016 में भी अभिषेक ने यूपीएससी की परीक्षा को पास किया था, लेकिन उस दौरान उनका 961वां रैंक आया था। इस आधार पर उनकी नियुक्ति इंडियन ऑडिट एंड अकाऊंट्स सर्विस में हुई थी और आजकल शिमला में ही उनकी ट्रेनिंग चल रही है। अभिषेक ने अपनी पढ़ाई को जारी रखते हुए दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी और देश भर में 32वीं रैंक हासिल करके कामयाबी के झंडे गाड़ दिए।

अभिषेक ने यह रैंक बीना किसी कोचिंग के रोजना 7 से 8 घंटे की पढ़ाई करके हासिल किया है। हालांकि अभिषेक मूलतः सुंदरनगर शहर के पुराना बाजार के रहने वाले हैं लेकिन बचपन से ही वह शिमला में रह रहे हैं। उनके पिता मनोहर लाल वर्मा सीपीडब्ल्यूडी के शिमला डिविजन नंबर 2 में बतौर अधिशाषी अभियंता अपनी सेवाएं दे हैं जबकि माता मधू वर्मा गृहणी हैं। बहन अंकिता वर्मा वर्ष 2014 में सिविल सर्विस परीक्षा पास कर आईआरटीएस में चयनित हुई हैं और उनकी शादी कर्नाटका बैच के आईएएस (2015) रोशन से हुई है।

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!