( जसवीर सिंह हंस ) सिरमौर जिला को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए एशियन विकास बैंक की परामर्श टीम द्वारा जिला की ऐतिहसाहिक धरोहरों और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों का इन दिनों भ्रमण किया जा रहा है जिनकी रिर्पोट के आधार पर एशियन विकास बैंक द्वारा जिला में पर्यटन के विकास और ऐतिहासिक धरोहरों के सरंक्षण व संवर्धन के लिए धन का प्रावधान किया जाएगा ।
यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर श्री ललित जैन ने आज यहां जिला में पर्यटन गतिविधियों से संबधित विभिन्न विभागों के अधिकारियों और एशियन विकास बैंक की परामर्श टीम के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी । उन्होने कहा कि सिरमौर जिला में पर्यटन की अपार संभावनाऐं मौजूद है तथा जिला के अनछूए रमणीक स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए एडीबी के साथ मामला प्रभावी ढंग से उठाया गया है ताकि जिला में पर्यटन के माध्यम से रोजगार और विकास के नए आयाम स्थापित हो सके ।
उपायुक्त ने बताया कि एशियन विकास बैंक की परामर्श टीम, जिसका नेतृत्व पर्यटन विशेषज्ञ श्री अनुज शुक्ला कर रहे है, द्वारा नाहन की ऐतिहासिक धरोहरों का अवलोकन कर दिया गया है और अब इस टीम द्वारा जिला के अन्य सभी उप मण्डलों का भी भ्रमण करके पर्यटन की संभावनों का गहनता से आकलन किया जाएगा ताकि जिला में पर्यटन का एक विहगंम मानचित्र तैयार हो सके और पर्यटक देश विदेश से आकर सिरमौर की ऐतिहासिक धरोहरों, प्राचीन मंदिरों का अवलोकलन के साथ साथ जिला की प्राकृतिक नैसर्गिक एवं अनुपम छटा का आन्नद ले सके ।
उन्होने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा पर्यटन विकास से संबधित जिला के सभी पांच उप मण्डलों के प्राचीन मंदिरों एवं ऐतिहासिक स्थलों का ब्यौरा एशियन विकास बैंक को भेजी गई प्रस्तावित रिर्पोट में शामिल है जिसमें शहर की ऐतिहासिक इमारत लालकोठी का जीर्णोद्धार, नाहन के यशवंतनगर में हेलीपेड, शहर में मल्टी पार्किंग, ढाबों मौहल्ला में पार्किगं व्यवस्था, सीवरेज, नगर परिषद की सड़कों व स्ट्रीट लाईट का सुधार, शहर के सभी पुराने तालाबों की मुरम्मत, रानीताल और विल्ला राऊंड का सौंदर्यकरण, हाथी कब्र, नाहन चौगान के समीप आधुनिक पार्किग, चौगान में बेहतरीन ढंग की स्टेज व शौचालय इत्यादि योजनाऐं शामिल है ।
उन्होने बताया कि जिला के पर्यटन के प्रस्तावित मानचित्र में यशवंतनगर से जमटा के लिए रोप वे , कालाअंब में स्वागत द्वार, जमटा में पैराग्लाईडिंग गतिविधियां, बडोलिया बाबा मंदिर के झरना के विकास, श्रीरेणुका के पर्यटन निगम के होटल के समीप पार्क, परशुराम ताल का सौंदर्यकरण, हरिपुरधान में ट्रैकर हट में अतिरिक्त आवास की सुविधा, माता भंगायणी मंदिर हरिपुरधार में पर्यटन सुविधाओं का सृजन, चूड़धार के लिए ट्रैकिंग रूट और रेस्टिगं पवांईट, चूडघार में वींटर र्स्पोटस गतिविधियां इत्यादि शामिल है ।
इसके अतिरिक्त राजगढ़ उप मण्डल में शिरगुल के प्राचीन मंदिर शाया छबरोन, ऋंग ऋषि गुफा का विकास, मानगढ़ के प्राचीन मंदिर का विकास जल क्रीड़ा गतिविधियां करगानू, भूरिसिंग महादेव मंदिर और कवागधार का विकास, हाब्बन में ईको पर्यटन इत्यादि स्थल शामिल किए गए है ।
उपायुक्त ने बताया कि पांवटा उप मण्डल में शेरजंग नेशनल पार्क, पांवटा में कृत्रिम झील का निर्माण, देईसाहिबा मंदिर, सिरमौरी ताल, पुररूवाला में मोनेस्ट्री इत्यादि का पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जाना प्रस्तावित है । इसी प्रकार शिलाई क्षेत्र के भी अनेक प्राचीन एवं रमणीक स्थलों को प्रस्तावित रिर्पोट में शामिल किया गया है । उन्होने कहा कि पर्यटन उद्योग में स्वरोजगार के अवसर सर्वाधिक विद्यमान है और प्रदेश सरकार द्वारा जिला को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचितत्र पर लाने के लिए प्रभावी पग उठाए गए है ।
उप निदेशक पर्यटन विभाग श्री विवेक चौहान ने जिला में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों बारे विस्तृत जानकारी दी ।बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त आदित्य नेगी, एडीबी बैंक के पर्यटन विशेषज्ञ अनुजा शुक्ला, अधीक्षण अभियंता आईपीएच एसके धीमान, डीएसपी प्रतिभा चौहान, पर्यटन विभाग के अधिकारी राजीव कुमार सहित विभिन्न विभाग के अधिकारी उपस्थित थे ।