(नीना गौतम ) विश्व एडज दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न विभागों द्वारा संयुक्त तत्वाधान में जिला मुख्यालय केलांग के जनजातीय संग्रहालय के सभागार में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें उपमंडलाधिकारी केलांग अमर नेगी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होनें अपने संबोधन में आहवान किया कि एडस जैसी भयंकर बीमारी के उन्मूलन का सबसे जरूरी पहलू जन जागरूकता है। एडस ग्रस्त व्यक्ति के प्रति भी हमें घृृणापूर्ण व्यवहार नहीं करना चाहिए तथा उन्हें भावनात्मक सहयोग प्रदान करना चाहिए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पालजोर ने जानकारी दी कि लाहुल व स्पीति में भी एडस के पांच मामले सामने आए हैं जो कि एक चिंतनीय विषय है।
एडस का कोई इलाज नहीं है इसलिए इसके बारे में जानकारी व जागरूकता ही बचाव है। डा. मनोज ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत में प्रतिवर्ष एडस के कारण 80 हजार लोगों की मृृत्यु हो रही है। उन्होनें इस बीमारी के प्रति फैली भ्रांतियों की चर्चा करते हुए कहा कि यी बीमारी किसी को छूने,साथ खाने व साथ रहने से नहीं होती है। यह असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुईयों का इस्तेमाल तथा संक्रमित रक्त किसी व्यक्ति को चढ़ाने से होती है। मुख्य आरक्षी भरत भूषण ने कहा कि पिछले कुछ समय से हिमाचल में भी जिस तरह नशे के मामले बढ़े हैं उनकी वजह से भी एडस केफैलने की संभावनाएं बढ़ती हैं क्योंकि नशेडिय़ों में संक्रमित सुईयों व सिरिंजों का इस्तेमाल बढ़ जाता है। इस अवसर पर परियोजना अधिकारी, एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना स्मृृतिका नेगी,बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष हीरा लाल, बाल विकास परियोजना अधिकारी खुश्विंद्र ठाकुर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में जनजातीय सलाहकार समिति की सदस्य पुष्पा,डा. अजय राना, डा. राहुल, बाल संरक्षण अधिकारी जोगिंद्र,डा. प्रशांत सहित कर्द अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।