सेब हिमाचल प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और सेब के बागीचे पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता भी रखते हैं। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज पर्यटन और बागवानी विभागों के संयुक्त तत्वावधान से यहां गेयटी थियेटर में हिमाचल एप्पल फेस्टिवल-2019 के शुभारम्भ अवसर पर कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बागवानों ने आधुनिक तकनीकों को अपनाया है, जो वरदान साबित हुई हैं, जिसके कारण उन्हें अपने उत्पाद के अच्छे मूल्य मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ सेब उत्पादकों को सेब की नवीनतम किस्मों को अपनाने पर भी ध्यान केन्द्रित करना चाहिए ताकि वे विदेश व देश के अन्य हिस्सों से आ रहे सेब के साथ मुकाबला कर सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेब की गुणवत्ता में सुधार लाने व इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर विभाग ने हिमाचल एप्पल फेस्विल के विषय वस्तु के रूप में अपनाया है, जिससे राज्य की आर्थिकी में सेब के महत्व का पता चलता है। उन्होंने कहा कि सेब के बागीचे पर्यटकों को आकर्षित करने में अतिरिक्त भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि इससे उन्हें यहां की नैसर्गिक सुन्दरता के अलावा स्वास्थ्यवर्द्धक जलवायु में कुछ यादगार पल बिताने का अवसर भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जलवायु फूलों की खेती के लिए
भी अनुकूल हैं और यह सन्तोष की बात है कि हमारे किसान बड़े पैमाने पर इसे अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि फूलों की खेती के लिए बड़ा बाजार उपलब्ध है, इसलिए अपनी आय में वृद्धि लाने के लिए किसानों को पुष्प उत्पादन की ओर भी मुड़ना चाहिए।
जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर शिवांकिता कंवर को एप्पल प्रिंस, दिपांशी ठाकुर को एप्पल प्रिंसेस, योगेश को एप्पल किंग तथा वंशिका कटोच को एप्पल क्वीन का ताज पहनाया।मुख्यमंत्री ने बागवानों द्वारा लगाई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया, जिसमें राज्य के सेब तथा फूलों की विभिन्न किस्मों को प्रदर्शित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने राज्य पर्यटन विभाग एवं होटल मैनेजमैंट, कैटरिंग व न्यूट्रिशन संस्थान, कुफरी (शिमला) द्वारा तैयार किए गए एप्पल केक को भी काटा। यह केक 4.5 फुट गुणा 3.5 फुट आकार तथा 200 किलो वजन तैयार किया गया था। इसे इण्डिया बुक आॅफ रिकाॅर्ड्स में सबसे बड़े एप्पल केक के रूप में दर्ज किया गया है।
मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा, महापौर कुसुम सदरेट, मुख्य सचिव डाॅ. श्रीकान्त बाल्दी, निदेशक पर्यटन युनूस, राज्य के विभिन्न भागों से आए बागवान तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।