( जसवीर सिंह हंस ) पांवटा साहिब के बॉर्डर के नजदीक स्थित आसन बैराज रिजर्व कंजर्वेशन इस समय विदेशी पक्षियों के शहर चाहने से गुलजार हो गया है लाखों की संख्या में विदेशों से पहुंचे पक्षियों को देखने के लिए विभिन्न राज्यों से लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंच चुके हैंहजारों मील का फासला तय कर उड़ कराइए पक्षी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैंपौंटा साहिब के अधिकतर लोग भी छुट्टी के दिनों में आसन बराज पर परिवार सहित घूमने जाते हैं वह स्थानीय लोग इन पक्षियों को देखने में काफी उत्सुकता दिखा रहे हैं |
गौरतलब है कि हर साल लाखों मिलो का हजारों मिलो का फासला तय कर यह पक्षी भी देशों से आसन विचार बिराज में पहुंचते हैं जहां पर इन पक्षियों की को ठहरने के लिए विशेष प्रबंध किया जाता है | बताया जा रहा है कि इस बार इन पक्षियों को देखने के लिए आसन बैराज प्रबंधन ने एक खास तरह की चबूतरे का निर्माण भी किया है तथा बताया जा रहा है शीघ्र ही वहां पर एक इसको भी लगाया जाएगा जिससे पक्षी प्रेमी जल्द ही पक्षियों को पास से देखने का लुफ्त भी उठा पाएंगे प्रबंध उत्तराखंड प्रबंधन निगम के मैनेजर ने बताया कि लाखों की संख्या में यह पक्षी यहां पर पहुंचते हैं
देश के कोने कोने से यहां पर चिपके ही पर्यटक घूमने आते हैं और इन विदेशी पक्षियों को देखकर मनोरंजन करते हैं मौके पर मौजूद पंजाब निवासी ने बताया कि क्या स्पेशल घूमने के लिए आए थे यहां की सुंदरता उन्हें भाग गई है और विदेशी पक्षियों की सुंदरता और आकृतियों को देखकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है दोबारा ऐसी जगह पर जरूर पहुंचेंगे
आसन बैराज के अधिकारी विजय नाथ आनंद ने बताया कि मौसम में ठिठुरन तेज होते ही देश के पहले फॉरेस्ट कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड में इन दिनों देशी, विदेशी पक्षियों का संसार बसने लगा है। साइबेरियन पक्षी सुर्खाब के साथ ही यहां बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी डेरा जमाए हुए हैं।देशी, विदेशी पक्षी हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर प्रवास पर आसन झील में पहुंचने लगे हैं। जो पक्षी प्रेमियों को खूब भा रहे हैं कई वर्ष पहले पांच हजार से अधिक पक्षी बैराज में डेरा जमा चुके हैं। चीन, पाकिस्तान, भूटान और नेपाल सहित विभिन्न देशों से आए कॉमन कूट, टफटेड, कॉमन पोचार्ड आदि रंगबिरंगे पक्षियों को आसन बैराज में नजदीक से देखा जा रहे थे विजय नाथ आनंद ने बताया कि नवंबर के पहले सप्ताह से ही आसन वेटलैंड बैराज पर देश-विदेशों से विभिन्न प्रजातियों के जल पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है, जो हर वर्ष मार्च तक डेरा जमा कर रखते हैं। गर्मियों के शुरू होते ही विदेशी मेहमान अपने देशों को लौटना शुुरू हो जाते हैं