प्राकृतिक आपदा के आने का कोई निर्धारित समय नहीं होता। इससे निपटने के लिए प्रत्येक विभाग को आवश्यक मशीनरी एवं श्रम शक्ति सहित हर समय तैयार रहना होगा ताकि किसी भी आपतकालीन स्थिति में होने वाले नुकसान को कम कर प्रभावित लोगों के लिए समय पर बचाव एवं राहत कार्य शुरू किया जा सके।
यह विचार उपायुक्त बीसी बडालिया ने वीरवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा यूएनडीपी द्वारा आयोजित जिला स्तरीय चार दिवसीय घटना की प्रतिक्रिया प्रणाली बारे कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए गैर सरकारी संस्थाओं और अन्य सामाजिक स्वयं सेवी संस्थाओं को भी आपदा प्रबंधन से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि आधार स्तर पर आम नागरिक को आपदा प्रबंधन के बचाव के बारे में जानकारी देने के लिए ग्रामीण स्तर पर स्कूलों में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाएगा जिसमें स्कूली बच्चों के साथ पुलिस, होम गार्ड तथा स्वय सेवी संस्थाओं एवं विभिन्न स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों के अतिरिक्त स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं को आपदा से निपटने के लिए प्राथमिक स्तर पर किए जाने वाले उपायों की जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि जिला एंव उपमंडल स्तरीय प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम में भी आपदा प्रबंधन के बारे मंे जानकारी दी जाएगी। इसस ेपूर्व निखिल त्रिपाठी ने मुख्यातिथ का स्वागत किया तथा अतिथि संकाय कर्नल वी सुपनिकर तथा प्रोफेसर एम भास्कर राव द्वारा कार्यशाला के दौरान उपस्थित अधिकारियों को घटना प्रतिक्रिया प्रणाली प्रशिक्षण बारे विस्तार से जानकारी दी गई ।