(जसवीर सिंह हंस) भले ही बद्रीपुर पंचायत में बड़े बड़े दावे किये जा रहे हो मगर यहां की हर गली-मोहल्ले में पड़े गंदगी के ढेर व बंद पड़ी गंदे पानी की निकासी बद्रीपुर पंचायत में विकास व सफाई व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे है। आलम यह है कि मुख्य सड़क के बीचों-बीच बहता गंदा पानी व पंचायत में जगह-जगह पड़े कूड़े के ढेर पंचायत की साफ-सफाई को लेकर प्रशासनिक व राजनेतिक तोर पर बरती जा रही लापरवाही को साफ बयां कर रहा है।
देश की राजधानी से लेकर गांव की गलियों तक स्वच्छता अभियान चल रहा है। प्रधानमंत्री से लेकर आम नागरिक सफाई करने में जुटे हुए हैं, लेकिन निर्मल ग्राम पंचायत में जगह-जगह गंदगी फैली हुई है। गांव के पहुंचमार्ग पर कचरों का ढेर लगा हुआ है। वर्तमान में इस गांव में जगह-जगह गंदगी का आलम है। गांव पहुंचमार्ग पर ही कचरों का ढेर है, जहां से लोगों का दिनभर आना-जाना रहता है। कुछ सार्वजनिक स्थलों पर भी गंदगी का आलम है।
गांव की गलियों में निर्मित निकासी नालियां गंदगी से अटी पड़ी हैं। महीनों से जाम गंदे पानी से बदबू उठ रही है, जो ग्रामीणों के लिए मुसीबत बनी हुई है। कुछ घरों के पास भी गंदे पानी का जमावड़ा है। रात में गंदगी में मच्छर पनप रहे हैं। अधिक मच्छर काटने से ग्रामीणों को डेंगू बीमारी की आशंका सता रही है। सरकार द्वारा देश को स्वच्छ बनाने के लिए हर वर्ष अरबों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन वास्तविकता इसके विपरित ही है। जिस कारण एक झटके में ही सरकार का यह सपना चकनाचुर हो सकता है। सरकार द्वारा शुरू की गई योजना केवल कागजों में ही दौड़ रही है। इस योजना ने आज तक धरातल पर कोई खास प्रगति नहीं की है। प्रशासनिक अधिकारी अपनी खाल बचाने के चक्कर में कागजों में ही इस योजना को शिखर में पहुंचा देते हैं।