हिमाचल प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने राज्यसभा चुनाव में बगावत करने वाले सभी 6 बागी कांग्रेसी विधायकों को अयोग्य घोषित करार दे दिया है.
ये हैं वो 6 विधायक जिनकी सदस्यता हुई रद्द
विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले के बाद से इन विधायकों की सदस्यता भी रद्द कर दी गई है. जिन विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है उनमें सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, देवेंद्र भुट्टो, इंद्र लखन पाल, रवि ठाकुर और चैतन्य शर्मा शामिल हैं.
इन सभी विधायकों ने पार्टी की ओर से जारी व्हिप को नहीं माना था, इसलिए पार्टी ने उनके खिलाफ ये फैसला दिया है. सूत्रों के मुताबिक इन सभी विधायकों दल-बदल कानून के तहत अयोग्य करार दिया गया है.
थोड़े दिन पहले ही राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद से ही हिमाचल प्रदेश में सियासत गरमा गई है. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों और 3 निर्दलीय विधायकों ने BJP कैंडिडेट हर्ष महाजन के लिए क्रॉस वोटिंग की थी. इसके बाद हिमाचल सरकार खतरे में आ गई थी. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने साफ किया था कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है.
ये था राज्यसभा की सीट का कैलकुलेशन
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट पर चुनाव था. इसे जीतने के लिए 35 विधायकों के मत चाहिए थे, कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं, इसलिए पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की जीत लगभग तय मानी जा रही थी. BJP के पास 25 विधायक हैं. उसके पास 10 वोट कम थे, BJP ने अपनी तरफ से हर्ष महाजन को खड़ा किया.
वोटिंग हुई तो कांग्रेस के 6 विधायकों ने तो BJP के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की. 3 निर्दलीय विधायकों ने भी BJP उम्मीदवार के लिए वोट डाला, मतलब BJP और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार को 34-34 वोट पड़े. अंत में पर्ची के जरिए फैसला हुआ जिसमें BJP के हर्ष महाजन विजेता घोषित कर दिए गए