( जसवीर सिंह हंस ) वैसे तो भारतवर्ष में बहुत सारी समस्याएं हैं लेकिन आज एक अलग प्रकार की जो बेरोजगारी संबंधित और पलायन संबंधित समस्याएं हैं सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरी है उन पर हम थोड़ा प्रकाश डालते हैं सबसे पहले बात करते हैं हम गांव से पलायन होने के कारण कुछ लोगों का मानना है कि गांव के अंदर संसाधनों की बहुत कमी है जिसके कारण वहां की युवा और लोग पलायन करते हैं शहर की तरफ में लेकिन ऐसा नहीं है अगर आपके दिल में हौसला हो कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो आप गांव में ही रोजगार के साधन उत्पन्न कर सकते हो जहां गांव के साथ-साथ आप लोगों का भी विकास होगा आप दो या चार स्थानीय युवक-युवतियों को रोजगार दे सकते हैं |
इसका एक उदाहरण भूतपूर्व सैनिक जोगेंद्र सिंह हैं जो सरली मानपुर तहसील कमरऊ जिला सिरमौर के स्थानीय निवासी हैं करते हैं जिन्होंने अपनी जीवन का बहुमूल्य समय भारत माता के की सेवा में समर्पित किया और अब आकर वह सरकारी सेवा या कोई नौकरी करना नहीं चाहते लेकिन सब रोजगार के साधन अपने गांव में उत्पन्न किए जिससे साथ में चार से पांच घरों को रोजगार भी दिया गया है उन्होंने सेब का बगीचा भी लगाकर इलाके में सेब की पैदावार को बढाने के लिए लोगो को प्रोत्साहित किया है | यही नहीं उन्होंने मशरूम की पैदावार करकर लोगो को रोजगार भी दिया है | वही मशरूम की पैदावार के बाद बची खाद सब्जी उगने में भी काम आ रही है |
इनसे लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए आज की युवा पीढ़ी में देखा गया है कि सरकारी नौकरी की तरफ लोगों का रुझान अत्याधिक है अगर आप लोग स्वयं का कोई कार्य शुरू कर और स्थानीय लोगों को भी रोजगार दे सकते हैं मैं ज्यादा ना कहते हुआ यही कहूंगा कि सलाम है भूतपूर्व सैनिक जोगेंद्र सिंह के जज्बे को जिन्होंने ऐसा किया और अपने गांव को समृद्ध बनाने के लिए लोगों में एक प्रेरणा सोत्र है तथा हम सब लोगों को इनसे शिक्षा लेनी चाहिए |