राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश के लिए जारी की लाॅकडाउन की अधिसूचना के बाद बाज़ार हुए बंद

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि महामारी रोग अधिनियम, 1897 की धारा 2, 3 और 4 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश एपीडेमिक डिजीज (कोविड-19) रेग्यूलेशन, 2020 और उपर्युक्त नियमों के कलाॅज 3 के अधीन, पूरे प्रदेश में आगामी आदेशों तक तत्काल प्रभाव से लाॅकडाउन अधिसूचित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर और राज्य से बाहर सार्वजनिक और निजी स्तर पर टैक्सी, आॅटो रिक्शा और किराए की गाड़ियों इत्यादि की आवाजाही को पूरी तरह से प्रतिबन्धित किया गया है।

ट्रेनों और व्यावसायिक विमानों की आवाजाही या ठहराव पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। निजी वाहनों को भी केवल आपातकाल स्थिति, अस्पताल आने जाने और आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने के लिए आवागमन की अनुमति होगी। आदेशों के क्लाॅज 2 में प्रदान की गई सेवाओं की आपूर्ति के लिए माल वाहक वाहनों की आवाजाही की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि किराना, दूध, ब्रेड, फल, सब्जी, मांस, मछली और अन्य बिना पके खाद्य पदार्थ बेचने वाली दुकानों और उनके परिवहन संबंधी गतिविधियों और भंडारण के अलावा सभी दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, कारखाने कार्यशालाएं, गोदाम इत्यादि बन्द रहेंगे।

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उन्होंने कहा कि अस्पताल, केमिस्ट स्टोर, आॅप्टिकल स्टोर, फार्मास्यूटिकल्स और साबुन बनाने वाले कारखाने और उनसे संबंधित परिवहन गतिविधियां जारी रहेंगी। इसके अलावा पेट्रोल पंप, एलपीजी गैस, तेल एजेंसियां, उनके गोदाम और उनकी परिवहन संबंधी गतिविधियाँ भी जारी रहेंगी। खाद्य, फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों सहित सभी आवश्यक वस्तुओं का ई-काॅमर्स (वितरण) भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि उत्पादन और विनिर्माण इकाइयां, जिन्हें निरंतर प्रक्रिया की आवश्यकता होती है, व समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिसूचित नियमों तथा उपायुक्त की अनुमति से जारी रहेगी।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिसूचित सभी बचाव नियमों के तहत दवाइयांे के लिए शराब/सेनिटाइजर इकाइयां भी चालू रहंेगी। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन में लगी विनिर्माण इकाइयों के संबंध में उपायुक्त का निर्णय अंतिम होगा। उन्होंने कहा कि 9 मार्च, 2020 या उसके बाद विदेश से देश में आने वाले सभी नागरिकों को होम क्वारटाईन निर्णय का पालन करना आवश्यक होगा। ऐसे सभी विदेश से आए नागरिकों के लिए संबंधित जिला निगरानी अधिकारी को सूचित करना अनिवार्य होगा और 104 टोल फ्री नंबर पर होम क्वारटाईन के लिए खुद को पंजीकृत  करवाना होगा। इन आदेशों के उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

 प्रवक्ता ने कहा कि लोगों को घर पर रहना होगा और केवल बुनियादी जरूरतों की पूर्ति के लिए जैसे किराना, सब्जी की दुकानों, केमिस्ट, आदि तथा आपातकाल से संबंधित यात्राओं की ही अनुमति होगी। समय-समय पर जारी किए गए सामाजिक दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। किसी भी परिस्थिति में कोई भी सामाजिक, सांस्कृतिक, खेल-कूद, राजनीतिक, धार्मिक, शैक्षणिक, पारिवारिक, सामूहिक समारोहों या किसी भी प्रकार की सभा की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जिन प्रतिष्ठानों को खुला रखने की अनुमति है, वे अपने परिसर के भीतर और बाहर सामाजिक दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज को 21 मार्च, 2020 को जारी अधिसूचना के तहत विनियमित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त कानून और व्यवस्था, मैजिस्ट्रेट ड्यूटी, पुलिस, सशस्त्र बल, केंद्रीय अर्धसैनिक बल, स्वास्थ्य, कोषागार, शहरी स्थानीय निकाय, ग्रामीण विकास, अग्निशमन, बिजली, पानी, नगरपालिका सेवाओं, बैंक व एटीएम, प्रिंट व इलेक्ट्राॅनिक व सोशल मीडिया, दूरसंचार, आईटी और आईटीईज़ सहित इंटरनेट सेवाएं, डाक सेवाएं, आपूर्ति श्रृंखला व संबंधित परिवहन और कोई अन्य सेवाएं जो संबंधित जिला के उपायुक्त आवश्यक समझें वह भी जारी रहेंगी। 

उन्होंने कहा कि सेवा संस्थापन आवश्यक है या नहीं, इस पर किसी भी संदेह के विषय में जिला उपायुक्त निर्णय लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी होगा। केवल मातृत्व अवकाश के अलावा उल्लिखित विभागों में कार्य करने वाले कर्मचारी छुट्टी पर नहीं जाएंगे और पहले से स्वीकृत अवकाश को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा आधार पर अवकाश जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रमाणित किए जाने पर ही स्वीकार्य होगा। 

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