कालाअंब (सिरमौर)। हाटी आरक्षण बिल को लेकर गुर्जर समाज ने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने बिना सोचे समझे एसटी कानून लागू किया तो वे भी सड़कों पर उतरेंगे। हाटी नेता और भाजपा जबरन प्रदेश सरकार पर एसटी कानून को लागू करने का दवाब न बनाएं। हाटी को दिया गया आरक्षण सही नहीं है।
ये बात गुर्जर समाज कल्याण परिषद सिरमौर के अध्यक्ष राजकुमार पोसवाल ने कालाअंब में कही। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि तथाकथित हाटी नेता आरक्षण को लेकर उन्हें ज्ञान न दें। किसी उच्च वर्ग को आरक्षण नहीं दिया जाता।
गुर्जर नेता एवं परिषद के महामंत्री सोमनाथ भाटिया ने कहा कि भाजपा को हाटी आरक्षण बिल लागू करने की ज्यादा जल्दी है। उन्होंने सांसद सुरेश कश्यप सहित भाजपा नेता बलदेव तोमर और डॉ. राजीव बिंदल पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले विस चुनाव में दोनों को अपनी हार से सबक लेना चाहिए। इसी मुद्दे ने भाजपा से रेणुकाजी विधानसभा सीट भी गंवाई।
इन सीटों पर हाटी मुद्दा ही इनकी हार का कारण बना। उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल से कहा कि उन्हें वोट नाहन विधानसभा क्षेत्र से ही मिलेंगे, शिलाई विधानसभा क्षेत्र से नहीं।
भाटिया ने कहा कि हाटी आरक्षण बिल को लागू करने के लिए प्रदेश सरकार पर दबाव बनाना सरकार के कार्यों में दखलंदाजी है। प्रदेश सरकार हाटी मुद्दे को लेकर सभी पहलुओं पर समीक्षा कर रही है, जबकि भाजपा नेता दबाव की राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं के मुताबिक 1980 के दशक में नौहराधार क्षेत्र में एक समिति का पंजीकरण कराने के उद्देश्य से समिति का नाम हाटी रखा गया था। ये बात भी भाजपा नेता ने ही स्वीकार की है।
गुर्जर समुदाय भी यही बात कहता आ रहा है कि हाटी शब्द आरक्षण की मांग के लिए ईजाद किया गया है, जिसका कोई ऐतिहासिक और सामाजिक अस्तित्व नहीं है, लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार ने हाटी आरक्षण बिल को बैक डोर स्वीकृति दी। इस मौके पर कई पदाधिकारी भी मौजूद रहे।