पांवटा साहिब : कार में कैसे पहुची 53 किलो भुक्की , क्या नशा तस्कर ही बन बैठा था पुलिस का मुखबिर ?

( जसवीर सिंह हंस ) अपने आप को पुलिस का मुखबिर बताने वाला नशा तस्कर अपने ही बुने जाल में फंसता जा रहा है तथा आरोपी ने गत दिवस एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पांवटा साहिब पुलिस पर ही आरोप जड़ दिए कि पांवटा साहिब पुलिस सही जांच नहीं कर रही है इससे पुलिस की कार्यप्रणाली  पर सवाल खड़े हो गये है |

 वहीं पुलिस की जांच में आरोपी मनोज मदान द्वारा कुछ लोगों पर लगाए गए आरोप गलत साबित पाए जा रहे हैं पहले मनोज मदान उर्फ़ मोजी सिकन्दर  कहता रहा कि उसको बद्रीपुर से अपहरण किया गया परंतु जांच में सामने आया कि वह अपनी कार लेकर स्वयं गया था इसके बाद मनोज मदान ने कहा कि उसका फोन छीन लिया गया है परंतु गत दिवस उसकी कार की जांच करने पर उसकी कार से उसका फोन बरामद हुआ पुलिस की जांच में मनोज मदान सही जगह की भी पहचान नहीं कर पा रहा जहां उसके साथ मारपीट हुई थी तथा मौके पर तथा क्षेत्र में वारदात की समय का कोई भी गवाह पुलिस को नहीं मिल पाया है इसके बाद पुलिस की शक की सुई मनोज मदान की तरफ घूम गई है क्योंकि मनोज मदान द्वारा अन्य लोगों पर लगाए गए आरोप झूठे साबित पाए जा रहे हैं तथा प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मनोज मदान कुछ ना कुछ झूठ बोल रहा है

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बताया जा रहा है कि मनोज मदान पर पुलिस पहले से ही नजर गड़ाए हुई थी तथा मनोज मदान उर्फ़ मोजी सिकन्दर पर नशा बेचने के आरोप  पहले से लग रहे थे  तथा पुलिस ने कई बार मनोज मदान की गाड़ी की तलाशी भी ली थी परंतु पुलिस की पकड़ में नहीं आ पा रहा था वही गुप्त सूत्रों की मानें तो कहीं ना कहीं पुलिस मनोज मैदान को अपना मुखबिर बना कहीं ना कहीं शय दे रही थी तथा इसी की आड़ में मनोज मैदान नशा तस्करी कर रहा था

वही जिस रात  वारदात का समय बताया जा रहा है बहराल में मौके पर तैनात एस आई यू के कर्मचारियों ने मौके पर केवल मनोज मदान को पाया तथा आसपास देखे जाने पर कोई अन्य  व्यक्ति भी नजर नहीं आया क्योंकि मनोज मदान आरोप लगा रहा है कि उसकी कार में भुक्की  रखी गई थी यदि ऐसा होता तो ऐसा यू कर्मचारियों को कोई और व्यक्ति भी नजर आते तथा ऐसा ही कर्मचारियों ने काफी दूरी तक खोजबीन भी की परंतु उन्हें मौके पर कोई नजर नहीं आया ऐसे में पुलिस की पुलिस का मनोज पर शक करना भी लाजमी है

वही अब भी  सवाल यही है कि आखिर 53 किलो भुक्की मनोज मदान उर्फ़ मोजी सिकन्दर  कार में आई कहां से कहीं मनोज मैदानी 53 किलो भुक्की की तस्करी कर कर ला तो नहीं रहा था तथा दूसरे लोगों पर उसकी गाड़ी में भुक्की रखने का झूठा आरोप लगा रहा है | परंतु अभी सवाल खड़ा है कि कार में भुक्की  किसकी थी , कहां से आई , कब आई , कैसे आई , लाई गई या रखी गई यह सब जांच का विषय है जल्दी पुलिस इसका खुलासा कर सकती है तथा  पुलिस सीसीटीवी कॉल रिकॉर्ड तथा मोबाइल लोकेशन के आधार पर सच सामने लाने की कोशिश में जुटी है वार्ड नंबर 3 के पार्षद धनवीर कपूर ने भी गत दिवस इस मामले में सच सामने लाए जाने की मांग की थी धनवीर कपूर ने बताया कि गत दिवस उनके सामने ही मनोज मदान की गाड़ी से मोबाइल बरामद हुआ है तथा पुलिस ने उनके सामने सही जांच करने का आश्वासन दिया है

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