पांवटा साहिब के भूपेंद्र सिंह सुसाइड नोट लिखकर लापता , पत्नी , बहन और छोटी बेटियों का रो-रो कर बुरा हाल

 

 

You may also likePosts

पांवटा साहिब के भूपेंद्र सिंह सुसाइड नोट लिखकर अचानक लापता हो गए है इस बारे में जानकारी देते हुए उनकी धर्मपत्नी और बहन ने बताया कि शुक्रवार 30 अगस्त को सुबह-सुबह ही भूपेंद्र सिंह सुसाइड नोट लिखकर कहीं चला गये। उन्होंने बताया कि भूपेंद्र सिंह ए वी एन रिजॉर्ट में सुपरवाइजर का काम करते थे 22 अगस्त को उनके साथ दो सहकर्मियों सचिन और रिशु द्वारा बुरी तरह से मारपीट की गई उनके सर पर पेचकस से वार किए गये जिसके कारण उनके सिर में कईं टांके भी लगे हैं और पूरे शरीर पर लात घूसों से पिटाई कर उन्हें लहू लुहान कर दिया गया। 22 अगस्त को वह लहू लुहान हालत में किसी तरह पांवटा पुलिस स्टेशन पहुंचे जहां उनका अस्पताल मे मेडिकल करवाया गया । अस्पताल में भी डॉक्टर तुषार परमार द्वारा आधा अधूरा इलाज कर उन्हें थाने भेज दिया गया यहां तक की गंभीर चोटे लगने के बावजूद उनको एडमिट तक नहीं किया गया वही पुलिस स्टेशन में साधारण मारपीट रपट लिखकर दो दिन बाद आने की हिदायत दी गई।

भूपेंद्र ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके साथ उपरोक्त दोनों लोगों ने बुरी तरह से मारपीट की और पिछले 8 दिनों से बिस्तर पर दर्द से कराह रहे हैं। जिस वक्त मेरे साथ मारपीट हुई रिसोर्ट में मौके पर मौजूद लोगों ने छुड़वाने का भी प्रयास किया। लेकिन उन दोनों ने उसे कमरे में बंद करके पेंचकस और लात घुसो से लगातार मारा, जिसके कारण पूरे जिस्म से लगातार दर्द निकल रहा है पैर पर काफी सूजन है चलने में तकलीफ है वह पूरे जिस्म से निकल रहे दर्द को और बर्दाश्त नहीं कर सकते

भूपेंद्र देश सुसाइड नोट में लिखा है कि पिछले 8 दिनों से उन पर हुए जान से मारने के हमले में उन्हें न्याय मिलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। सिविल अस्पताल के डॉक्टर द्वारा भी मुझे दाखिल नहीं किया जा रहा है । ऐसे में उनका जीना मुहाल हो गया है और वह सुसाइड करने जा रहे हैं

कुल मिलाकर यह पूरा मामला नई व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठाता है। भूपेंद्र सिंह की दो छोटी-छोटी बेटियां, बहन और भाई पिछले 8 दिनों से थाने और डॉक्टर के चक्कर काट रहे हैं परिवार के आरोपों के मुताबिक गंभीर चोटों के बावजूद उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया । भूपेंद्र सिंह सुसाइड नोट के आखिरी पन्नों पर लिखते हैं मेरी पत्नी मुश्किल से 6-7 हजार रूपए महीना कमाती है दो बेटियां है ऐसे में वह मेरा इलाज करवाए या बच्चों के लिए दो वक्त की रोटी कमाए, इसलिए वह खुदकुशी कर रहे हैं। और सुसाइड नोट लिखकर कहीं चले गये। वही ए वी एन रिसोर्ट के मालिकों की तरफ से अभी तक परिवार की कोई मदद नहीं की जा रही

फिलहाल रोता बिलखता परिवार एक बार फिर पुलिस के द्वार पहुंचा है । पुलिस इस मामले को कितना गंभीरता से लेती है यह देखने वाली बात है। वही इस मामले में डॉक्टर के द्वारा बरती गई अनदेखी और लापरवाही पर भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। वही इस विषय पर पुलिस सूत्रों का कहना है की डॉक्टर द्वारा जो ओपिनियन दे दिया जाता है उसी के आधार पर धाराएं लगाई जाती है डॉक्टर द्वारा मरीज को एडमिट करना ना करना इसमें पुलिस का कोई रोल नहीं है पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जो ओपिनियन डॉक्टर द्वारा दिया गया था उसे हिसाब से मारपीट के रपट डाल दी गई थी यदि डॉक्टर जान को खतरा या अन्य गंभीर धाराओं के लिए मेडिकल ओपिनियन लिखते तो उसे हिसाब से धारा लगाई जाती वहीं पुलिस की कई टीमें सीसीटीवी भी चेक कर रही है और पीड़ित को ढूंढने में लगी है पीड़ित गत दिवस कुल्हाल की तरफ सुबह 6:00 बजे के करीब पैदल जाता हुआ नजर आया है

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!