बिहार में भी हिमाचल जैसी झूठी गारंटियों की शातिर चालें चल रहा है इंडी अलायंस : जयराम ठाकुर

जनसेवा के लिए मंदिर में कसमें खाने और झूठी गारंटियों की नहीं अच्छी नीयत की जरूरत

धारा 118 की परमिशन के लिए सत्ता संरक्षित माफिया सक्रिय

Khabron wala

चंडीगढ़ : चंडीगढ़ प्रेस क्लब द्वारा आयोजित “मीट द प्रेस” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल हिमाचल की तरह ही बिहार को गारंटियों के नाम पर ठगने की शातिर चालें चल रही है। जिस तरह से कांग्रेस ने हिमाचल में एक से बढ़कर एक झूठी गारंटियाँ देकर हिमाचल का जनादेश चोरी किया। कांग्रेस उसी तरह के हथकंडे बिहार में भी अपना रही है। कांग्रेस के वही सारे नेता जो हिमाचल में आकर बढ़चढ़ झूठ बोलकर हिमाचल के लोगों को बरगलाया था वही नेता अब बिहार में भी वही कर रहे हैं। 2022 में कांग्रेस के नेताओं के भाषण और आज बिहार के नेताओं के भाषण देखने से यह बात स्पष्ट हो जाएगी। झूठ बोलने में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति हासिल कर चुके हिमाचल के मुख्यमंत्री भी वहाँ गए और झूठ बोलने के अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। हमारी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को अपना बता गए। सबसे हैरानी की बात है कि वह कांग्रेस की “गारंटियों के ब्रांड एम्बेसडर” के तौर पर वहां गए थे। हिमाचल से लेकर बिहार के लोगों ने उनके झूठ का जो फैक्ट चेक किया, वह देखने लायक था। कांग्रेस सरकार के झूठी गारंटियों की हांडी एक बार चढ़ गई। अब कांग्रेस और उसका महाठगबंधन देश के एक भी नागरिक को झूठी गारंटियों के नाम पर नहीं ठग पाएगा।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सेवा के लिए, के विकास के लिए मंदिरों में जाकर कसमें खाने की जरूरत नहीं होती है। झूठी गारंटियां देने की जरूरत नहीं होती है। पांच साल हमने भी सरकार चलाई। हमने गृहिणी सुविधा योजना, 125 यूनिट फ्री बिजली,महिलाओं को बसों में आधा किराया, ग्रामीण क्षेत्रों में फ्री पानी, हिम केयर, सहारा योजना, शगुन योजना, 60 साल से अधिक की उम्र के बाद बिना किसी आय सीमा के वृद्धा पेंशन देना स्वावलंबन योजना, बेटी है अनमोल योजना, कन्यादान योजना, पुष्प क्रांति, खुंब विकास, बागवानी विकास, सीएम सोलर फेंसिंग, सिंचाई, जैसी दर्जनों जनहित की योजनाओं की कोई गारंटी नहीं दी थी। प्रदेशवासियों के लिए जो जरूरी था वो किया। पिछली सरकार पर कोई दोष नहीं मढ़ा। हमने कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी का सामना किया।जब पूरी दुनिया में बड़ी-बड़ी सरकारों ने हाथ खड़े कर दिए, बड़ी से बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को बिना नोटिस के नौकरी से निकाल दिया, उस समय भी हमने नए कर्मचारियों की भर्ती की, एक भी कर्मचारी के एक दिन का भी वेतन नहीं काटा। सुक्खू सरकार ने कोविड के समय में अपनी जान की परवाह न किए बिना लोगों की मदद करने वाले लोगों को भी एक झटके में बेरोजगार कर दिया। सरकार अच्छी नीयत से चलती है गारंटियों से नहीं। दुर्भाग्य इस बात का है की सरकार की नीयत में ही खोट है।

“मीट द प्रेस” कार्यक्रम में मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि यह सरकार पत्रकारों पर मुकदमे करने के मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। जंगली मुर्गा सीएम के कार्यक्रम में खाया जाता है। जंगली मुर्गा मारना अपराध है, इसके लिए कार्रवाई मुर्ग़ा मारने, बनाने और खाने वालों पर होना चाहिए थी लेकिन कार्रवाई हुई खबर लगाने वाले पत्रकारों पर। इसी तरह से सरकार की अराजकता के ख़िलाफ़ लिखने वाले लोगों पर तत्काल कार्रवाई करती है। यह तानशाही का दौर है। बीजेपी इसकी निंदा करती है। एक सवाल के जवाब में कहा कि हिमाचल में आपदा से नुकासन का लेवल लगातार बढ़ता जा रहा है। इसलिए सरकारों को दीर्घकालीन पर्यावरणीय संरक्षण योजनाओं पर काम करना चाहिए। क्योंकि कुछ पल की त्रासदी हमारे सालों की मेहनत पर पानी फेर देती है और हमें अपने प्रियजनों को भी खोना पड़ता है। इसके लिए हमने प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर हिमाचल की त्रासदी पर व्यापक पैमाने पर अध्ययन होना चाहिए। हमारे आग्रह को स्वीकार कर उन्होंने मल्टी सेक्टोरल टीम का गठन कर अध्ययन के लिए भेजा आगे भी अध्ययन होगा। जिससे एक प्रभावशाली योजना तैयार की जा सके।

धारा 118 में ढील को लेकर पूछे सवाल को लेकर कहा कि सरकार हिमाचल के हितों को बेचने पर अमादा है। धारा 118 में ढील दिलाने वाला एक रैकेट सक्रिय है। जो लोगों से सरेआम इसके लिए लोगों से उगाही कर रहा है। इसके बाद सरकार जिस तरह से धारा 118 में ढील देने की बात कर रही है, उससे यह साफ़ है कि यह ‘सत्ता संरक्षित कार्यक्रम’ है। प्रदेश में अवैध खनन से प्रदेश की इकोलॉजी प्रभावित हो रही है। प्रदेश में माफिया का एक नया तंत्र खड़ा हो रहा है। जो बिना बात दिन दहाड़े गोली चलाने में हिचकता नहीं है। माफिया वर्चस्व के लिए, आतंक फैलाने के लिए गोलियां चला रहे हैं। दुर्भाग्य इस बात का है हिमाचल की संस्कृति के विपरीत यह माफिया राज सत्ता संरक्षित है। जो लोग पुलिस और सरकारी मुलाजिमों पर हाथ उठाने से नहीं हिचक रहे हैं। प्रदेश में नशे के प्रसार को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जो चिट्टा प्रदेश के बॉर्डर एरिया में थोड़ा बहुत था। आज जहाँ सड़क नहीं हैं, बाज़ार नहीं हैं। वहाँ भी चिट्टा आतंक मचा रहे हैं। हमारी सरकार में नार्थ ज़ोन के राज्यों के साथ काम करने के लिए काम किया। उसके बहुत सकारात्मक परिणाम आए। लेकिन सरकार बदलने के साथ चीजें बदली हैं। इंटर स्टेट फोर्सेज के साथ काम करने से बेहतर परिणाम आएंगे इसकी सलाह भी हमने हिमाचल प्रदेश सरकार को दिया है। इसके साथ ही उन्होंने सभी पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए इस कार्यकम के आयोजन के लिए चंडीगढ़ प्रेस क्लब के पदाधिकारियों और सदस्यों का आभार जताया।

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